राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगी प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी फुलवारी शरीफ, पटना की शिक्षिका नीतू शाही
पटना. संघर्ष ही जीवन है, जीवन ही संघर्ष है, जो संघर्ष से गुजर जाता है, वो निखर जाता है. इस सच साबित करते हुए प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी फुलवारी शरीफ, पटना की नियोजित शिक्षिका नीतू शाही ने अपने विद्यालय के लिए एक मिसाल है, दूसरे शिक्षको के लिए प्रेरणा है.
जहां चाह, वहां राह. कहावत इन्होंने सच कर दिखाई. विद्यालय के बच्चों के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करनेवाली, बच्चों की प्रिय शिक्षिका, विद्यालय में हरित क्रांति लानेवाली, पर्यावरण की सजग प्रहरी, पेड़-पौधों और हरियाली से प्यार करनेवाली, पशु-पक्षियों के प्रति प्यार, पर्यावरण मित्र, स्वच्छता एवं सभी विषयों के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगी.
पूरे बिहार से राजकीय शिक्षा सम्मान के लिए 20 शिक्षको का चयन हुआ है, जिनमें शिक्षिका नीतू शाही का भी नाम शामिल है. नीतू शाही बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय है. बच्चें इन्हें शिक्षक कम अपनी मां के रूप में ज्यादा देखते है, वो अपनी सारी बातें इनसे शेयर करते है. जब ये छुट्टी में रहती है, तो बच्चें इनसे मिलने घर पर ही चले जाते है और पूछते है की स्कूल में आप क्यों नही आ रही है. ये है बच्चो का प्यार और लगाव.
इनके द्वारा बच्चों के लिए खेलकूद, पेंटिग प्रतियोगिता, सुखद शनिवार को कबाड़ से जुगाड क्राफ्ट सिखाना, विद्यालय परिसर में बच्चों के साथ साफ-सफाई करना, पेड़-पौधों को पानी देना, चेतना सत्र को आनंददाई बनाना, शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए नवाचारों का प्रयोग कर बेहतर शिक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाना, बच्चों का स्प्ताहिक एवं मासिक मूल्यांकन कर बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूक करना.
बेहतर करने वाले बच्चों को उपहार देकर सम्मानित करना. जिससे बच्चों में पढ़ाई और खेल के प्रति उत्साहित करते रहना. इनके कार्य के कारण आज पूरे बिहार में इनका स्कूल का नाम जाना जाता है, ये अपना कार्य को ही पूजा मानती है. पूरे ईमानदारी से अपना योगदान विद्यालय में देती है, अनुशासनप्रिय है.
इनको कई अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है. पर्यावरण मित्र अवॉर्ड, स्मार्ट शिक्षक, सावित्री बाई फुले अवॉर्ड, शिक्षक रत्न अवार्ड, मां सरस्वती सम्मान अवार्ड, कोरोना योद्दा अवॉर्ड, मुझमें है गांधी अवार्ड, राष्ट्रीय गौरव शिक्षक सम्मान, बाल स्नेही सम्मान आदि से सम्मानित किया गया है. समाज सेवा में भी आगे रहती है. जरूरतमंद लोगों को हमेशा रक्तदान करती हैं, अपना संपूर्ण अंगदान भी कर चूंकि है.
स्कूल के जरूरतमंद बच्चों को अपने तरफ से कॉपी, पेंसिल, स्वेटर, टाई बेल्ट देकर मदद करती रहती है. कई संस्था में जरूरतमंद बच्चियों को निःशुल्क क्राफ्ट सिखाती हैं और बहुत कुछ अपने तरफ से समाज सेवा में समर्पित रहती है. जैसे कार्यों में बढ़-चढ़ अपना योगदान करने के चलते यह उपलब्धि मिली हैं.