
शिक्षा के क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत, बीपीएससी से चयनित शिक्षकों का हुआ अभिनंदन
दरभंगा (सिंहवाड़ा)। जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड अंतर्गत टेकटार पंचायत स्थित +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय मधुपुर में शुक्रवार को बीपीएससी के माध्यम से टीआरई-3 के तहत नियुक्त नव नियुक्त शिक्षकों का विद्यालय परिवार द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर में एक सादगीपूर्ण लेकिन प्रेरणादायक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री गुलाब चौधरी ने सभी नव नियुक्त शिक्षकों को औपचारिक रूप से योगदान पत्र सौंपा।
विद्यालय परिवार ने बढ़ाए स्वागत के हाथ
विद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं कर्मचारी इस आयोजन में उपस्थित रहे और सभी ने मिलकर नए शिक्षकों के प्रति अपने स्नेह एवं सम्मान का भाव प्रकट किया। वरिष्ठ शिक्षक श्री केशव नाथ झा ने नव नियुक्त शिक्षकों का हृदय से स्वागत करते हुए कहा कि, “आप सभी का मधुपुर उच्च विद्यालय में स्वागत है। आप लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए ताकि विद्यालय का नाम और प्रतिष्ठा ऊँचाइयों तक पहुँचे। छात्रों में छिपी बहुमुखी प्रतिभा को निखारना ही हमारा परम कर्तव्य है।”
नवनियुक्त शिक्षकों से आशाएं और अपेक्षाएं
केशव नाथ झा ने आगे कहा कि बीपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था से चयनित होकर आए शिक्षक निश्चित रूप से ज्ञान, अनुशासन और शिक्षण कौशल में समृद्ध होंगे। उन्होंने आशा जताई कि सभी नव नियुक्त शिक्षक विद्यालय के विकास और छात्रों के सर्वांगीण उत्थान में अहम भूमिका निभाएंगे।
शिक्षकों ने किया उत्साहवर्धन
इस मौके पर विद्यालय के अन्य शिक्षकों – आशुतोष झा, प्रकाश कुमार झा, आशुतोष कुमार, मोहिब्बुल हक खान, राजेश कुमार दास, कौशल कुमार, अंजना कुमारी, मनीषा कुमारी, सुनीता कुमारी और जयप्रकाश नारायण आदि ने भी नव शिक्षकों का पुष्पगुच्छ व माल्यार्पण कर स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
समारोह में दिखा सामूहिक उत्साह
इस स्वागत समारोह में उत्साह और उल्लास का वातावरण था। शिक्षकों ने आपसी समन्वय और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि नव नियुक्त शिक्षक इस संस्था के लिए नई ऊर्जा का संचार करेंगे। समारोह का समापन सामूहिक अभिनंदन और आभार ज्ञापन के साथ किया गया।
मधुपुर उच्च विद्यालय में नव नियुक्त शिक्षकों का यह स्वागत केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति समर्पण और नई शुरुआत की प्रेरणा का प्रतीक था। विद्यालय परिवार को उम्मीद है कि ये शिक्षक अपने कार्य, व्यवहार और समर्पण से शिक्षा की लौ को और अधिक प्रज्वलित करेंगे।
