नियोजन के साधनों का प्रयोग करने से परिवार की आर्थिक स्थिति में आती है स्थिरता
शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर लोगों को किया गया जागरूक
स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर लगाकर लाभुकों के बीच नियोजन के साधनों का किया गया वितरण, महिलाओं को लगाई गई अंतरा की सुई
बक्सर। जिला सहित पूरे विश्व में गुरुवार को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया गया। जिसके तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जनसंख्या नियंत्रण और यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता किया गया। साथ ही, जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष शिविर लगाकर लाभुकों के बीच परिवार नियोजन के स्थाई साधनों का वितरण किया गया।
वहीं, लाभुक महिलाओं को अंतरा की सुई भी लगाई गई। इस क्रम में जिले के चक्की प्रखंड के स्थानीय पंचायत अंतर्गत रंगी डेरा में विश्व गर्भनिरोधक दिवस के तहत चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल की अध्यक्षता बीसीएम निभा कुमारी ने किया। चौपाल में पीरामल फाउंडेशन के डीपीएचओ सिद्धार्थ गौतम और परिवार नियोजन परामर्शदाता संदीप कुमार ने परिवार नियोजन के महत्व और इसके लाभों के बारे में उपस्थित सभी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी।
डीपीएचओ सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि परिवार नियोजन का मतलब है परिवार की योजना बनाना। जिससे दंपति अपने परिवार के आकार और बच्चों के जन्म के समय के बारे में निर्णय ले सकते हैं। इसमें गर्भनिरोधक उपाय, गर्भावस्था की योजना, बच्चों के बीच अंतराल रखने के तरीके और सुरक्षित मातृत्व के उपाय शामिल हैं। जो न केवल महिलाओं के लिए बल्कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए एक बेहतर माहौल उत्पन्न करता है।
उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के कई लाभ हैं। इससे महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार आता है। वहीं, परिवार की आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है, बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलती है, परिवार का जीवन खुशहाल होता है और सबसे जरूरी की इससे जनसंख्या संतुलित होती है।
प्रोत्साहन राशि की दी गई जानकारी
चौपाल में उपस्थित सभी महिलाओं और पुरुषों को परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई विधियों के बारे में बताया गया। निरोध, माला–एन, छाया, इजी–पिल, अंतरा, कॉपर–टी और पुरुष नसबंदी एवं महिला बाध्यकरण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
बताया गया कि पुरुष नसबंदी कराने पर व्यक्ति को 3000 हजार रुपये और प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन धनराशि तत्काल मिलता है। महिला नसबंदी कराने पर 2000 महिला को और प्रेरक को 300 रुपये मिलते हैं। प्रसव के बाद तत्काल महिला नसबंदी पर 3000 और प्रेरक को 400 रूपये प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है। इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी पर भी प्रोत्साहन धनराशि की सुविधा है।
चौपाल के अंत में सभी उपस्थित सदस्यों के साथ परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक रैली का आयोजन भी किया गया। जिसमें महिला और पुरुष लाभुकों को जागरूक करने के लिए स्लोगन और नारे लगाए गए। इस अवसर पर वार्ड सदस्य, जीविका सीएम एवं सदस्य, पिरामल टीम, विकास मित्र, आशा फैसिलिटेटर शारदा देवी, आशा देवी, रामदुलारी देवी, शिव कुमारी, लालसा देवी, आंगनबाड़ी सेविका पुष्पा देवी और ग्रामीण उपस्थित रहे।