बक्सरबिहार

धरा बचाने को पौधारोपण का लिया संकल्प : वैवाहिक वर्षगांठ पर दंपति ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

– सामाजिक और धार्मिक संस्कारों में पौधारोपण को शामिल करने का आह्वान

बक्सर। पर्यावरणीय असंतुलन की गंभीरता को समझते हुए जिले के समहुता निवासी मुकेश कुमार सिंह और उनकी धर्मपत्नी प्रियंका देवी ने अपनी वैवाहिक वर्षगांठ को खास और समाजोपयोगी बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने अपनी शादी की 11वीं वर्षगांठ के मौके पर पौधारोपण कर धरा को बचाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर उन्होंने समाज में एक सशक्त और सकारात्मक संदेश दिया कि प्रकृति से जुड़ना ही आज का सबसे बड़ा धर्म है।

इस अवसर पर आसा पर्यावरण सुरक्षा बिहार के संयोजक विपिन कुमार ने दंपति के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि “आज जब धरती पर हरियाली घट रही है और कंक्रीट की दीवारें बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में हमें अपने हर सामाजिक और धार्मिक अवसर पर पौधारोपण जैसे कार्यों को आत्मसात करना होगा। जब तक हम हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण से नहीं जोड़ते, तब तक इस धरती पर जीवन की कल्पना कठिन होती जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा कि जन्म, विवाह, मुंडन, नामकरण से लेकर अंतिम संस्कार तक हर सामाजिक और धार्मिक संस्कार में यदि एक पौधा लगाया जाए, तो आने वाले वर्षों में धरती फिर से हरी-भरी हो सकती है।

आई मास कंप्यूटर धनसोई के निदेशक डब्लू पाठक ने मुकेश सिंह के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा, “इन्होंने यह साबित कर दिया कि पर्यावरण संरक्षण कोई बड़ा बजट वाला प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि हमारे संकल्प और सोच का हिस्सा हो सकता है। यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने हर उत्सव में पौधे लगाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां भी स्वच्छ वायु और हरियाली का अनुभव कर सकें।”

पौधारोपण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाते हुए पूर्व पैक्स अध्यक्ष राम जी राय, मुन जी राय, दीनानाथ सिंह, उमेश सिंह, महेंद्र सिंह, दुर्गेश पाठक, ललन सिंह, विकास सिंह, जगमोहन कुमार समेत अन्य गणमान्य लोगों ने भी पौधारोपण कर इस मुहिम को आगे बढ़ाया।

यह आयोजन न केवल एक दंपति की वैवाहिक वर्षगांठ का उत्सव था, बल्कि एक जन-जागरूकता अभियान भी था जो पर्यावरण संरक्षण की ओर समाज को एक नई दिशा देता है।

यदि इस पहल को लोग अपने जीवन में अपनाएं, तो यह धरती फिर से हरियाली की चादर ओढ़ सकती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन अधिक सुरक्षित व सुखद हो सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *