कृषिडुमरांवबक्सरबिहार

किसान कम लागत में मक्का की अधिकतम उत्पादन कैसे करें, कृषि कालेज सहायक प्राध्यापक ने दी जानकारी

गरमा (जायद) में मक्का की खेती: डा. प्रदीप कुमार

डुमराव. इलाके के विभिन्न क्षेत्रों में जायद में मक्का की खेती भुटटे एवं चारे दोनों के लिए की जाती है. हालांकि पहले मक्का का इस्तेमाल सिर्फ ब्रेड और कार्न फ्लेक्स सीरप बनाने के लिए ही किया जाता था. लेकिन आज मक्के से कार्न फ्लेक्स, पापकार्न यहां तक की पास्ता, पिज्जा और सैंडविच तक में मक्के का प्रयोग होने लगा है. मक्का के अधिकतम ’पैदावार को लेकर वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज के सहायक प्राध्यापक डा. प्रदीप कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान भाई कैसे कम लागत मे अधिकतम उत्पादन करें.

प्रजातियां

संकुल प्रजातियां- नवीन, नवजोत, कंचन, श्वेता, आजाद पकने की अवधि 75 से 80 दिन उपज 35- 40 कुंतल.
संकर प्रजातियां-प्रकाश, पूसा अगेती संकर मक्का- 2, मालवीय संकर मक्का 2, जे. एच.- 3459

हर भुट्टे के लिए

संकुल, माधुरी(मीठी मक्का), प्रिया(मीठी मक्का), विन अरेंज (मीठी मक्का)

शिशु मक्का हेतु

आजाद कमल, प्रकाश, पूसा अगेती संकर मक्का-2, एच एम-4

नोट- शिशु मक्का के लिए भुआ (सिकिंग स्टेज) निकलते ही उन्हें तोड़ देना चाहिए जिससे शिशु भुट्टे अधिक निकलते हैं

बुवाई का समय

मक्का की बुवाई के लिए फरवरी का प्रथम सप्ताह सर्वोत्तम है. 20 फरवरी तक अवश्य कर लेना चाहिए. विलंब करने से जीरा निकलते समय गर्म हवाएं चलने पर सिल्क तथा पराग कणों के सूखने की संभावना रहती है, जिससे दाना नहीं पड़ता है.

बीज दर

20-25 किग्रा. संकुल एवं 18 से 20 किग्रा. संकर बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है. बीज को 2.5 ग्राम थीरम 50 प्रतिशत डब्ल्यू. पी. 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम 75 प्रतिशत डब्ल्यू. पी. रसायन से प्रति किलो बीज को शोधित करके बोये

बुवाई की विधि

मक्का की बुवाई हाल के पीछे उठे हुए बेड पर लाइनों में करें. संकर वा संकुल प्रजातियों की बुवाई 60 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी चाहिए. पौधे से पौध की दूरी 20 -25 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. मीठी मक्का की बुवाई अन्य प्रजातियों से लगभग 400 मीटर की दूरी पर करनी चाहिए.

जल प्रबंधन

जल प्रबंधन पौधों को प्रारंभिक अवस्था तथा सिकिंग से दान पढ़ने की अवस्था पर पर्याप्त नमी आवश्यक है. अतः यदि वर्षा ना हो तो आवश्यकता अनुसार सिंचाई अवश्य करना चाहिए. सिकिंग के समय पानी न मिलने पर दाने कम बनते हैं.

कटाई

फसल पकने पर भुट्टो को ढकने वाली पत्तियां जब 75 प्रतिशत पीली पढ़ने वालों पर कटाई की जाए, इस अवस्था पर कटाई करनी चाहिए.

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