आगामी 21 फरवरी को बिस्मिलाह खां महोत्सव में पहुंच रहे हैं अल्ताफ राजा
-महोत्सव में मगध संगीत डांस ग्रुप, नबेंदु भट्टाचार्य ग़ज़ल, बिस्मिलाह खां के परिवार के सदस्यों का प्रदर्शन, बच्चा नसीम कौसर की कव्वाली एवं अल्ताफ राजा
डुमरांव. आगामी 21 फरवरी को राजहाई स्कूल खेल मैदान में बिस्मिलाह खां महोत्सव मनाया जाएगा. उक्त आशय की जानकारी एसडीओ कुमार पंकज ने दी. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा बक्सर के विख्यात शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की जयंती समारोहपूर्वक मनाने का निर्णय लिया है. इसको लेकर प्रशासन तैयारियों में जुट गया है.
एसडीओ ने बताया कि कार्यक्रम संध्या 4 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 9:30 तक चलेगा. संध्या 4 से 6 बजे तक स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. वही संध्या 6 से 6:30 बजे औपचारिक उद्घाटन एवं भाषण का आयोजन होगा. संध्या 6:30 से 9:30 बजे तक मुख्य समारोह होगा.
कार्यक्रम में शिरकत करने वाले कलाकारों में मुख्य रूप से मगध संगीत डांस ग्रुप, नबेंदु भट्टाचार्य ग़ज़ल, बिस्मिलाह खां के परिवार के सदस्यों का प्रदर्शन, बच्चा नसीम कौसर की कव्वाली एवं अल्ताफ राजा अपनी प्रस्तुति देंगे. वर्ष 2022 में भी डुमरांव के राज हाई स्कूल खेल मैदान में बिस्मिल्लाह खां महोत्सव मनाया गया था, जहां पहली बार आयोजित कार्यक्रम के दरम्यान उमड़ी श्रोताओं की भीड़ देर रात तक गीत संगीत की आनंद लिया.
श्रोता के रूप में उमड़ी भीड़ उस्ताद को याद करती रही. बता दें कि पिछले 14 फरवरी को ब्रह्मपुर में भी ब्रह्मपुर महोत्सव का आयोजन किया गया था. बता दें कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का जन्म डुमरांव में 21 मार्च 1916 को हुआ था, उनके बचपन का नाम कमरुद्दिन था. आगे चलकर देश के मशहूर शहनाई वादक के रुप में विख्यात हुए. लोग उन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के नाम से जानने लगे.
साल 2001 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया, वे तीसरे भारतीय संगीतकार थे, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. उन्होंने अपने समय में भारत रत्न, संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप, पद्म विभूषण, पद्म भूषण, आदि कई सम्मान अपने नाम किए हैं.
21 अगस्त 2006 को वाराणसी में उन्होंने अंतिम सांस ली थी, जिनकी याद में अनुमंडल प्रशासन दूसरी बार इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. एसडीओ ने सभी से कार्यक्रम में पहुंचने की अपील की.