मुजफ्फरपुर : एईएस के स्वास्थ्य प्रबंधन में कोताही पर नपेंगे जिम्मेवार
जिला समन्वय समिति में बोले जिलाधिकारी, आज से संध्या चौपाल में जाएंगे पदाधिकारी
मुजफ्फरपुर। बढ़ती गर्मी को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता काफी बढ़ गई है। इसके लिए चमकी के संभावित उम्र के हर बच्चों पर गहरी नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य प्रबंधन में किसी प्रकार की लापरवाही और उदासीनता को क्षम्य नहीं माना जाएगा और हर जिम्मेवार के खिलाफ सख्त कार्यवाई होगी।
ये बातें जिलाधिकारी सुब्रत सेन शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित जिला समन्वय समिति की बैठक में कही। जिलाधिकारी ने कहा कि एईएस या अत्यधिक बुखार की स्थिति में त्वरित रिस्पॉन्स के साथ इलाज प्रारंभ की जानी चाहिए। किसी स्तर पर भी देरी या लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने सख्त निदेश देते हुए कहा कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अन्य प्रखण्ड स्तरीय चिकित्साकर्मी अनिवार्य रूप से मुख्यालय में ही आवासन रखें।
सिविल सर्जन की अनुमति से ही मुख्यालय छोड़ें। रोस्टर के अनुसार चिकित्सक अपने डयूटी पर उपस्थित रहें। सिविल सर्जन इसकी माॅनेटरिंग करेंगे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखण्ड स्वास्थ्य प्रबंधक, पीएचसी एवं सीएचसी में जाकर दवाओं एवं अन्य तकनीकी सुविधाओं की जाॅंच और सत्यापन करेंगे।
चौबीसो घंटे सक्रिय रहेगा कंट्रोल रूम
जिलाधिकारी ने कहा कि कन्ट्रोल रूम पूरी तरह से क्रियाशील होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कन्ट्रोल रूम में पंजी संधारित करें। उपस्थिति बनायें साथ ही एईएस संबंधित सूचनाओं, जानकारी, दवा आदि रखें। सदर अस्पताल में कार्यरत एईएस नियंत्रण कक्ष में टाॅल फ्री नम्बर 18003456629, 0621-2266056, 0621-2266055 पर कोई भी व्यक्ति सम्पर्क कर इससे संबंधित जानकारी और समाधान तुरंत प्राप्त कर सकता है।
शनिवार से संध्या चौपाल के माध्यम से भी जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें पदाधिकारी भी जाएगें। 16 मार्च से प्रत्येक शनिवार सभी पदाधिकारी अपने निर्धारित पंचायतों में जाकर वहां कार्यक्रम करेंगे। सभी 373 पंचायतों में पदाधिकारी को संबद्ध किया गया है। इसके अतिरिक्त एईएस के नोडल डाॅक्टर सतीश कुमार ने बताया कि चिकित्सा कर्मियों और पदाधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षण दे दिया गया है।
जिला पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को पीएचसी. में दवा की उपलब्धता को सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में सिविल सर्जन, एसकेएमसीएच के डाॅक्टर, एईएस के नोडल पदाधिकारी डाॅक्टर सतीश कुमार, डीपीओ आईसीडीएस चांदनी सिंह, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी दिनेश कुमार, अस्पताल उपाधीक्षक आदि उपस्थित थें।