जिले के फाइलेरिया और कालाजार मॉडल को समझने आयी डब्ल्यूएचओ की केंद्रीय टीम
फाइल वर्क और फाइलेरिया क्लीनिक ने किया टीम को अचंभित
कालाजार उन्मुलन मॉडल को फाइलेरिया के लिए भी अपनाने को कहा
सीतामढ़ी। जिले के कालाजार और फाइलेरिया में प्रदर्शित मॉडल को देखने व समझने केंद्र व राज्य स्तरीय डब्ल्यूएचओ की टीम सीतामढ़ी आयी। सबसे पहले एनपीओ डब्ल्यूएचओ डॉ कमलाकर ने जिला भीबीडीसी कार्यालय विजित किया। वहां फाइलेरिया और कालाजार के डॉक्यूमेंटेशन और वर्तमान स्थिति का जायजा लिया।
मालूम हो कि सीतामढी जिला कालाजार मुक्त हो चुका है। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी ने बताया कि टीम को पीपीटी के माध्यम से वर्ष 2011 से वर्षवार कालाजार की स्थिति और विकास कार्य से अवगत कराया। वर्तमान वर्ष में जिले में मात्र चार कालाजार के मरीज हैं। डॉ रविन्द्र ने बताया कि मुआयना करने आयी टीम ने फाइलेरिया पर किए जा रहे कार्यों को भी गौर से देखा।
एचडब्ल्यूसी स्तर पर खोले गए फाइलेरिया क्लीनिक को राज्य स्तर पर मॉडल बताया। इसके अलावा उन्होंने दो फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट भी प्रदान किया। वहीं फाइलेरिया मरीजों से एमएमडीपी किट के संबंध में सवाल भी पूछे गए। विजीट में आयी टीम में डब्ल्यूएचओ के एनपीओ डॉ कमलाकर, शाहवाज काजमी, बीएमजीएफ के डॉ अमोल पाटील, डॉ माधुरी देवराजु, डॉ राजेश पांडेय समेत अन्य लोग मौजूद थे।