बिहारबेतियास्वास्थ्य

बेतिया – टीबी से बचाव को सतर्कता जरूरी : सीएस डॉ श्रीकांत दूबे 

– दो हफ्ते से ज्यादा समय से खांसी, बुखार, कमजोरी, वजन में कमी के लक्षण हो तो जाँच जरूरी

– जिले के सरकारी अस्पतालों में होती है निःशुल्क जांच

– बेहतर पोषण के लिए मरीजों को मिलती है आर्थिक सहायता

बेतिया।” यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा समय से खांसी, बुखार, खांसी के साथ बलगम में खून आने की शिकायत हो तो वह तत्काल बलगम की जांच कराएं। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जाँच व इलाज की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।” जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने यह जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि टीबी एक संचारी रोग है। इससे सावधान रहने की जरूरत है।

टीबी युवा, बुजुर्ग और छोटे-छोटे बच्चों को भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि समय समय पर सी एच ओ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा मेडिकल कैंप लगाकर भी लोगों की स्वास्थ्य जाँच की जाती है। सीएस ने बताया कि रोग- प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर भी टीबी होने की आशंका होती है। टीबी संक्रामक एवं जानलेवा बीमारी है। टीबी के अनियमित एवं अधूरे इलाज के कारण ड्रग रेजिस्टेंट (एम डी आर) टीबी हो जाती है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

छोटे बच्चों को लगवाएं बीसीजी टीका, टीबी से होगा बचाव

छोटे बच्चों को टीबी से बचाव को बीसीजी का टीका लगवाना चाहिए। ताकि वो इस बीमारी की चपेट में आने से बचे। हरी सब्जियाँ, दूध, पौष्टिक आहार के साथ खानपान में विटामिन सी वाले भोज्य पदार्थ शामिल करना चाहिए। 

बेहतर पोषण के लिए मरीजों को मिलती है आर्थिक सहायता

जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा ने बताया कि टीबी मरीजों को निःशुल्क इलाज के साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत बैंक खाते में इलाज जारी रहने तक प्रति माह 500 रुपये की सहायता राशि बेहतर पोषण के लिए भेजी जाती है।

टी. बी. के प्रमुख लक्षण

-दो सप्‍ताह से ज्‍यादा खांसी

-बुखार विशेष तौर से शाम को बढने वाला बुखार,छाती में दर्द

-वजन का घटना

-भूख में कमी

-बलगम के साथ खून आना।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *