नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बरमदिया इजमाल की शिक्षिका वंदना कुमारी बच्चों की पसंदीदा गुरुजी

चकिया, पूर्वी चंपारण। नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बरमदिया इजमाल की शिक्षिका वंदना कुमारी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अनूठी शैली और समर्पण के कारण बच्चों की प्रिय शिक्षिका बन गई हैं। वह न केवल पठन-पाठन में आधुनिक और नवाचारी तरीकों का इस्तेमाल करती हैं, बल्कि बच्चों के समग्र विकास और नैतिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देती हैं।
वंदना कुमारी की शिक्षण पद्धति खास है। वह बच्चों को चित्रों और प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से शिक्षा देती हैं, जिससे छोटे बच्चे भी कठिन विषयों को आसानी से समझ पाते हैं। इसके अलावा, वह पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रही हैं।
चित्रों के माध्यम से रोचक शिक्षण
वंदना कुमारी का मानना है कि बच्चों को अगर सीखने का आनंद मिलेगा, तो वे खुद पढ़ाई में रुचि लेने लगेंगे। इसलिए वह पारंपरिक रटने की बजाय चित्रों, कहानियों और गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाती हैं। “जब बच्चे किसी चीज़ को देखते हैं और उसे महसूस करते हैं, तो वह ज्ञान उनके मन में लंबे समय तक रहता है,” वह कहती हैं।
उनकी कक्षा में पोस्टर, चार्ट, चित्रकारी और खेल आधारित शिक्षण का उपयोग किया जाता है, जिससे बच्चों की जिज्ञासा बनी रहती है। वह खुद भी बच्चों के साथ मिलकर चित्र बनाती हैं और उनके माध्यम से नैतिक कहानियां सुनाती हैं।
पर्यावरण संरक्षण पर विशेष जोर
वंदना कुमारी न केवल किताबों की पढ़ाई पर ध्यान देती हैं, बल्कि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व भी समझाती हैं। वह विद्यालय में ‘एक बच्चा, एक पौधा’ अभियान चला रही हैं, जिसमें हर बच्चे को एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इसके अलावा, वह बच्चों को प्लास्टिक मुक्त जीवन, स्वच्छता, जल संरक्षण और जैव विविधता जैसे विषयों पर नियमित रूप से जानकारी देती हैं। “अगर हम बच्चों में बचपन से ही पर्यावरण प्रेम की भावना जगाएं, तो वे बड़े होकर जागरूक नागरिक बनेंगे,” वह कहती हैं।
बच्चों के स्नेह से मिलती प्रेरणा
वंदना कुमारी बताती हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा खुशी तब मिलती है जब बच्चे उनके पास आकर अपनी बातें साझा करते हैं और उनके पढ़ाने के तरीके की सराहना करते हैं। “बच्चों का स्नेह ही मेरी असली प्रेरणा है। जब वे खुशी-खुशी सीखते हैं, तो मुझे भी नई ऊर्जा मिलती है,” उन्होंने कहा।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक और अभिभावकों ने भी वंदना कुमारी के प्रयासों की सराहना की है। उनके प्रयासों से विद्यालय का वातावरण रोचक और प्रेरणादायक बन गया है। उनकी इस समर्पण भावना से न केवल बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
शिक्षिका वंदना कुमारी को नवाचारी शिक्षण के लिए राज्यस्तरीय पुरस्कार
शिक्षिका वंदना कुमारी अपने नवाचारी शिक्षण पद्धति के लिए जानी जाती हैं। वह स्वयं टीएलएम (शिक्षण अधिगम सामग्री) तैयार कर बच्चों को रोचक तरीके से पढ़ाती हैं। सुरक्षित शनिवार के दिन वह विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विषयवार जानकारी देती हैं, जिससे बच्चे आसानी से सीखते हैं। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें जिला से लेकर राज्य स्तर तक कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वंदना कुमारी का प्रयास है कि हर बच्चा शिक्षा के प्रति जागरूक हो और अपने कौशल का विकास कर सके।


