मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जिले में परिवार नियोजन पखवाड़ा की समाप्ति के बाद भी जनप्रतिनिधियों (मुखिया) में इस जागरूकता भरे काम को करते रहने का जज्बा दिखा। सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज द्वारा प्रशिक्षित मुखियागण अपने अपने पंचायत में परिवार नियोजन संबंधी अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। परिवार नियोजन कार्यक्रम पर हो रही गतिविधियों से स्वास्थ्य विभाग (पी०एच०सी० कांटी) द्वारा मुखिया जी को भी सहयोग करने को कहा गया। सभी मुखिया के द्वारा अपने अपने पंचायत के ग्राम सभा में सभी लोगों को पुरुष नसबंदी कराने के लिए प्रेरित किया गया।
क्षेत्र के पानापुर हवेली की मुखिया प्रियंका कुमारी, वीरपुर की मुखिया कुमारी याचना शाही जो प्रखंड के मुखिया संघ की अघ्यक्ष भी हैं, के द्वारा अपने पंचायतों मे बार बार इस तरह के जागरूकता के लिए समुदाय को एकत्रित कर इस बात पर बल दिया जाता है कि केवल हमारे परिवार का आकार छोटा हो तो हम कई समस्याओं पर काबू पा सकते हैं, और आर्थिक रूप से सबल भी हो सकते हैं। एक घरेलू महिला जो आज पंचायत की मुखिया है, ने अपने आप को इस तरह से संकल्पित किया है कि परिवार नियोजन पर अब समुदाय की महिलायें भी सोचने लगी हैं। वे कहती हैं कि जबतक हम इसके लिए स्थायी साधन नहीं अपना लेतीं, तबतक अस्थायी साधन के सहारे अपने परिवार को बढ़ने से रोकने के लिए स्वयं ही स्वास्थ्य सेवा केंद्र तक यदि जाना हुआ तो जायेगी।
पानापुर हवेली व वीरपुर की मुखिया क्रमश: प्रियंका कुमारी और कुमारी याचना शाही के द्वारा बार बार किए जाने वाले कार्यक्रमों मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए गर्भ निरोधक साधन को समुदाय के बीच वितरण करना इनकी आदत बन गयी है। इसके फायदे भी दिखते हैं कि अब पंचायत स्तर के स्वास्थ्य सेवा केद्रों से कंडोम की मांग, बॉक्स से कंडोम की निकासी, जो गर्भ निरोधक गोलियां हैं की मांग या फिर अंतरा के लिए समुदाय के महिलाओं का चाह।
अभी बीते माह अगस्त सितंबर में प्रखंड के सभी 20 पंचायतों में सभी मुखिया के द्वारा अपने पंचायत में परिवार नियोजन कैंप लगा कर लोगों को परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधन के बारे में बताया गया तथा लोगों के बीच कंडोम, माला एन , छाया का वितरण किया गया ताकि पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म में उचित समय का अंतर हो सके। इस अंतर के अलावा भी एक महत्वपूर्ण जानकारी समुदाय को दी गई कि कंडोम केवल गर्भ ठहरने से ही नहीं रोकता बल्कि इस साधन के इस्तेमाल से पति पत्नी में संक्रमण के हस्तांतरण का खतरा भी समाप्त हो जाता है।