सीतामढ़ी : जिलाधिकारी ने पोस्टर के माध्यम से डेंगू पर किया जागरूक
स्वास्थ्य विभाग की बैठक में मच्छर जनित रोगों पर किया गया जागरूक
एएनएम ट्रेनिंग स्कूल में छात्राओं के बीच फैलाई गई जागरूकता
सीतामढ़ी। समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में जिलाधिकारी रिची पांडेय की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक की गई। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारीयों को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग की योजनाओं को बेहतर ढंग से संचालित करें ताकि आम लोगों को इसका फायदा मिल सके और उनका बेहतर इलाज हो सके।
इसके अलावा बैठक में जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर मच्छर जनित रोगों के बारे में लोगों को विस्तार से बताया। कहा कि 20 अगस्त 1897 मे डा रोनाल्ड रायसेन ने बताया कि मलेरिया जैसी घातक बीमारी मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है।
इसी को स्मरित करने के लिए सर रोनाल्ड राॅस के सम्मान में प्रतिवर्ष 20 अगस्त को “विश्व मच्छर दिवस” के रूप में मनाया जाता है। वहीं जिलाधिकारी ने डेंगू के पोस्टर को जारी करते हुए इससे बचाव के लिए लोगों को अपने आस पास सफाई रखने को कहा।
जिला भीबीडी नियंत्रण कार्यालय के तत्वाधान में एएनएम ट्रेनिंग स्कूल में पोस्टर प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें एएनएम छात्राओं ने पोस्टर के माध्यम से मच्छर जनित रोगों के कारण तथा बचाव पर प्रकाश डाला।
उक्त अवसर जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रवीन्द्र कुमार यादव ने दृश्य श्रव्य माध्यम से मच्छरों के जीवन चक्र, उनके द्वारा फैलाए जाने वाले बीमारियों से बचाव आदि के बारे मे विस्तार से जानकारी दी तथा ‘विश्व मच्छर दिवस ‘ मनाने के औचित्य पर प्रकाश डाला। छात्राओं ने इस अवसर पर सुन्दर रंगोली भी बनाई।
उक्त अवसर पर समाहरणालय के परिचर्चा भवन में जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में सिविल सर्जन, जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, उपाधीक्षक सदर अस्पताल, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, डी एच एस के सभी पदाधिकारियों, स्वास्थ्य प्रबंधकों व अन्य कर्मचारियों द्वारा पोस्टर प्रदर्शन कर संदेश दिया गया कि मच्छर एक छोटा जन्तु है परन्तु मानव समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
मच्छर की एक छोटी सी काट आपको एक बड़ी लड़ाई के लिए छोड़ जाता है। जन जागरूकता व सहभागिता से हम हम मच्छर जनित रोगों मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस आदि रोगों से मुक्ति पा सकते हैं।
मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया, मादा एडिज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू, एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया, क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया, बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है।
वेक्टर जनित रोगों (मच्छर के काटने से होने वाले रोग) से बचाव हेतु निम्न उपाय करें
-दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का प्रयोग दिन में भी करें।
-पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने, घर के सभी कमरे को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाए रखें।
-टूटे-फूटे बर्तन, ए सी, फ्रिज, कूलर का पानी निकाल दें, पानी टंकी एवं घर के अंदर और अगल बगल में अन्य जगहों पर पानी न जमने दें।
-अपने आस पास के जगहों को साफ सुथरा रखें तथा जमा -पानी एवं गंदगी पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
-गमला, फूलदान इत्यादि का पानी रोज बदलें।
-मॉल/दुकानदार खाली पड़े जगहों में रखे डिब्बे/कार्टून में पानी जमा नहीं होने दें।
-जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।
-बीमारी का लक्षण दिखने पर अविलंब चिकित्सक से संपर्क करें।
-याद रखें हर बुखार वेक्टर जनित रोग नहीं होता है।
-समय पर उपचार कराने से मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।