बेतिया : कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत सिंथेटिक पायरोथायराइड का होगा छिड़काव
जिले के कालाजार प्रभावित क्षेत्र में 60 दिनों तक होगा छिड़काव, भीबीडीएस द्वारा दल कर्मियों का कराया गया प्रशिक्षण, बालू मख्खी के काटने से होता है कालाजार
बेतिया। जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दल कर्मियों को भीबीडीएस व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, ताकि प्रशिक्षण उपरांत दल कर्मियों द्वारा सही मात्रा में 60 दिनों तक सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक का छिड़काव कालाजार प्रभावित प्रखंडों में हो सकें।जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया की बैरिया, ठाकराहाँ, मझौलिया, चनपटिया, सिकटा, नरकटियागंज के 16 दलों के 80 कार्यकर्त्ता को प्रशिक्षण दिया जा चूका है।
उन्होंने बताया कि अगले माह से छिड़काव कार्य शुरू होने की उम्मीद है।डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि मादा बालू मख्खी के काटने से कालाजार रोग होता है जिसके कारण रुक-रुक कर बुखार आता है,भूख कम लगता है, शरीर में कालापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली होना और बाल झड़ना लक्षण हो तो कालाजार की जाँच आर के 39 किट से कराएं या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निःशुल्क इलाज कराएं।कालाजार का सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जांच व इलाज उपलब्ध है।
निर्धारित मानक के अनुरूप होगा छिड़काव
वीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया की इस वर्ष प्रथम चरण के छिड़काव में गौशाला पूजा घर रसोईघर, बरामदा तथा सभी कमरों में सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप छिड़काव किया जाना है साथ ही एसपी दवा का उचित तरीके से घोल तैयार करते हुए छिड़काव जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान घरों पर मार्किंग करने की विधि भी बताई गई है।
उन्होंने बताया इससे बचाव के लिए लोगों को मच्छरदानी लगाकर सोने, घरों के आसपास साफ-सफाई रखने और नालियों को साफ रखने के लिए स्वास्थ्य कर्मी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। ताकि लोग कालाजार, मलेरिया, डेंगू जैसे रोग से बचें।
छिड़काव कराने के तरीके
पिरामल के बीसी श्याम सुन्दर कुमार, धर्मेंद्र कुमार ने बताया की छिड़काव के पूर्व घर की अंदरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें, घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गौशाला के अंदरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं एवं
छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें, छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें, ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एसपी) का असर बना रहे।