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शहीद मिथिलेश कुमार : देशभक्ति की मिसाल बने असम राइफल्स के वीर सपूत

बक्सर। मणिपुर में तैनात असम राइफल्स के जवान मिथिलेश कुमार 8 अप्रैल 2025, दिन मंगलवार को अहले सुबह देश सेवा के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए। मिथिलेश कुमार अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हुए शहीद हुए। उनकी शहादत ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। उनका पार्थिव शरीर मणिपुर से दानापुर (बिहार) लाया जाएगा और फिर वहां से बुधवार शाम तक उनके पैतृक गांव नाजीरगंज (जिला—बक्सर) पहुंचाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शहीद मिथिलेश कुमार अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गए हैं। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, वहीं गांव के लोग भी उनके जाने से बेहद आहत हैं। पूरा गांव गर्व और ग़म के मिले-जुले भावों से भरा हुआ है। उनके बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं और पूरे परिवार की जिम्मेदारी मिथिलेश के कंधों पर थी। अब परिवार के भरण-पोषण की चिंता गांववालों और रिश्तेदारों को सता रही है।

गांव के लोगों का कहना है कि मिथिलेश शुरू से ही देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थे। बचपन से ही उनका सपना था कि वे सेना में जाएं और देश की सेवा करें। उन्होंने कड़ी मेहनत कर असम राइफल्स में स्थान पाया और पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। उनकी ईमानदारी, बहादुरी और सेवा भावना के किस्से गांव में अक्सर सुने जाते हैं।

प्रशासन द्वारा शहीद के सम्मान में सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। दानापुर छावनी से एक सैन्य टुकड़ी उनके साथ होगी और पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने भी शोक जताया है और परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

शहीद मिथिलेश कुमार की शहादत देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा एक आदर्श सैनिक, सच्चे देशभक्त और जिम्मेदार पारिवारिक व्यक्ति के रूप में याद किए जाएंगे। उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

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