बेतिया : मंडल कारा बेतिया के कैदियों को खिलाई गईं सर्वजन दवा

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दवा सेवन से होगा हाथीपांव जैसे गंभीर बीमारी से बचाव 

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया

बेतिया। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले के सभी 18 प्रखंडो में 10 फ़रवरी से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस दौरान मंडल कारा बेतिया (पश्चिमी चंपारण) में जेलर सहित 1 हजार 3 सौ 50 पुरुष कैदियों एवं 50 महिला कैदियों एवं 50 कर्मचारियों व अधिकारियों को स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से फाइलेरिया रोधी दवा खिलायी गई। ताकि दवा सेवन कर हाथीपांव जैसे गंभीर बीमारी से कैदी सुरक्षित हो सकें।

कारा अधीक्षक अमरजीत सिंह की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा कैदियों को डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। मौके पर कारा अधीक्षक ने कहा कि फाइलेरिया जैसे गम्भीर रोग से बचाव के लिए सर्वजन दवा का सेवन जरूरी है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फाइलेरिया (हाथीपांव) होता है जिसका इलाज सम्भव नहीं है, इससे बचाव को सभी वंचित लोगों को जागरूक करते हुए दवा सेवन कराया जा ऱहा है।

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दवाओं का हल्का साइड इफेक्ट हो सकता है, घबराएं नहीं

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया की दवा के सेवन से ही फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया की खाली पेट दवा नहीं खानी है। वहीं दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताया कि यह दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए परजीवी की वजह से कभी-कभी किसी व्यक्ति को सिर दर्द, बुखार, उल्टी, बदन पर चकते एवं खुजली हो सकते हैं।

इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह स्वत:  ठीक हो जाएगा। फिर भी ज्यादा दिक्कत होने पर ऐसे लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा  जाएगा। पिरामल स्वास्थ्य के डीएल राजू सिंह ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और एल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व एल्बेंडाजोल की 1 गोली आशा कार्यकर्ताओं एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा अपने सामने खिलाई जाती है।

वहीं दवा खिलाने से पहले इस बात की पड़ताल की जाती है कि दवा खाने वालों में कोई गर्भवती महिला न हो वहीं खाली पेट या गंभीर रोग से पीड़ित लोगों एवम 2 वर्ष से छोटे बच्चों को भी दवा नहीं खिलाई जा रहीं है।

मौके पर जेल अधीक्षक अमरजीत सिंह, उपाधीक्षक रामानुज राम, जेलर अभिषेक कुमार, बेतिया के आरआरटी टीम से डॉ अजहर आलम, डॉ नसीम अहमद, बीसीएम समीर आलम, पीरामल स्वास्थ्य से डीएल राजू सिंह, श्याम सुन्दर कुमार, धर्मेंद्र यादव, अभिनव कुमार, रवि रंजन कुमार, आशा, आशा फैसिलिटेटर, एएनएम मौजूद थें।

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