सीतामढ़ी : सदर स्थित रेफरल फाइलेरिया क्लिनिक में उपलब्ध होंगे फिजीशियन और सर्जन

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सीतामढ़ी। फाइलेरिया से ग्रस्त वैसे मरीज जिनका उपचार प्रखंड स्तरीय क्लिनिक में संभव नहीं है, उन्हें अब सदर अस्पताल स्थित रेफरल फाइलेरिया क्लिनिक में भेजा जाएगा। जहां फिजिशियन के साथ ऑर्थोपेडिक सर्जन की देखरेख में मरीजों का इलाज किया जाएगा। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि गुरुवार को क्लिनिक के उद्घाटन के दिन ही तीन मरीजों का वहां उपचार किया गया। वहीं फाइलेरिया ग्रस्त मरीजों के बीच जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा के द्वारा  एमएमडीपी किट का वितरण भी किया गया। किट के माध्यम से फाइलेरिया ग्रस्त मरीज अपने रोग का प्रबंधन आसानी से कर सकेंगे।

डीएम ने स्टेक होल्डर्स और संबंधित विभाग को किया निर्देशित

फाइलेरिया पर नियंत्रण को लेकर 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस बाबत जिलाधिकारी सीतामढ़ी मनेश कुमार मीणा के द्वारा सभी संबंधित विभाग के स्टेक होल्डर्स को निर्देशित किया गया है। 10 फरवरी से शुरू होने वाला एमडीए कार्यक्रम 14 दिनों तक चलेगा, जिसमें आशा,आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर सभी को (2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों एर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर) डीईसी व अल्बेंडाजोल की एक खुराक खिलाई जाएगी।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला कृत संकल्पित

जिले से फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर आरके यादव ने बताया कि बिहार सरकार फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए कृत संकल्पित है एवं इसके लिए सभी स्तरों पर प्रभावी कार्य योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से  एक तरफ  न केवल जागरूकता में गतिशीलता आएगी वहीं दूसरी तरफ फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हम तेजी से अग्रसर हो सकेंगे। शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, जीविकाए पंचायती राज विभाग,

जन संपर्क विभाग, कल्याण विभाग एवं  नगर निगम के द्वारा इस दिशा में आवश्यक सहयोग का अनुरोध करते हुए प्रभावी जन जागरूकता अभियान चलाने का अनुरोध सिविल सर्जन के द्वारा सम्बन्धित विभाग के पदाधिकारियों को किया गया है ताकि इस संबंध में पंचायत, गांव एवं टोले स्तर पर लोगों को जानकारी मिल सके और योग्य लाभार्थियों के द्वारा दवा का सेवन किया जा सके। डॉ यादव ने बताया कि विकास मित्रों, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका, पंचायत  स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, जीविका दीदियों एवं पीडीएस डीलरों का इसमें अहम रोल है।

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