मोतिहारी, 15 मार्च। जिले से कालाजार उन्मूलन को लेकर छिड़काव दल के कर्मियों को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि प्रशिक्षित होकर वे दवा छिड़काव कर कालाजार के वाहक बालू मक्खियों को मारकर जिले को कालाजार रहित जिला बना सकें। इस संबंध में जिले के वेक्टर नियंत्रण रोग पदाधिकारी डॉ शरत चँद्र शर्मा ने बताया कि जिले के 26 प्रखंडों ( घोड़ासहन को छोड़कर ) बाकी चिह्नित स्थानों पर
56 दलों द्वारा 1लाख 95 हजार 4 सौ 75 घरों, 5 लाख 18 हजार 8 सौ 92 कमरों, 10 लाख 12 हजार6 सौ 73 की आबादी में कालाजार उन्मूलन को लेकर सिंथेटिक पायराथाईराइड का छिड़काव 20 मार्च से शुरू कर दिया जायेगा, जो अगले 60 कार्य दिवस तक चलेगा। इस अभियान की सफलता के लिए बैनर, पोस्टर व मीडिया के माध्यम से भी सहयोग लिया जाएगा।उन्होंने बताया कि इस छिड़काव कार्यक्रम को आरंभ करने को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से पत्र जारी किया गया है।
बालू मक्खी से होता है कालाजार
जिला वेक्टर पदाधिकारी ने बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी होती है। इसको खत्म करने तथा कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए (आईआरएस) का स्प्रे किया जाता है। यह छिड़काव घर के अंदर दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक होती है।
कहा कि लोगों को प्रत्येक घर में छिड़काव कराना चाहिए। चाहे वह पूजा घर हो, बाथरूम हो या मवेशियों का स्थान। सभी जगहों पर छिड़काव कराने से कालाजार संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करना चाहिये। साथ ही छिड़काव के छह महीने तक घर मे पेंटिग नहीं करानी चाहिए। इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
दल कर्मियों का हो रहा है प्रशिक्षण
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व सत्यनारायण उराँव, केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने बताया कि,जिले के मोतिहारी, कल्याणपुर, केसरिया, कोटवा, हरसिद्धि, पकड़ीदयाल, आदापुर, नरकटिया व अन्य प्रखंडों में दल कर्मियों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि इस दौरान एक भी घर न छूटे।
डीपीओ मुकेश कुमार ने कालाजार के लक्षण की जानकारी देते हुए कहा कि रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा सूखी, पतली होना और बाल झड़ना आदि कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है।