सीतामढ़ी। जी एन एम ट्रेनिंग स्कूल , मधुबन, डुमरा मे आगामी 10 फरवरी से होनेवाले फाईलेरिया नियंत्रणार्थ ” सर्वजन दवा सेवन” कार्यक्रम हेतु आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण करते हुए जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी, डा रवीन्द्र कुमार यादव ने परिवार पंजी को सही तरीके से भरने, गृह संख्या अंकित करने तथा दो -दो आशा कार्यकर्ता को एक साथ टीम के रूप मे कार्य करने के गुर बताये । उन्होंने बताया कि 10 फरवरी से सभी प्रखण्डों मे आशा कार्यकर्ता द्वारा घर घर जाकर परिवार पंजी संधारित करते हुए सभी योग्य पात्रों को फाईलेरिया से बचाव हेतु दवा की एक खुराक निर्धारित मात्रा मे खिलाई जायेगी । केवल 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती माताओं, तथा गंभीर रूप से बीमार रोगियों को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जायेगी।
इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। जिला मे कुल 1579 टीम 157 दवा पर्यवेक्षकों के पर्यवेक्षण मे दवा खिलायेंगे। इसके लिए 1 करोड़ 11 लाख डी ई सी की गोलियाँ तथा 44 लाख 99 हजार एल्बेन्बेन्डाजोल की गोलियाँ तथा 1579 प्रिंटेड परिवार पंजियाँ एवं प्रचार – प्रसार सामग्रियाँ सभी प्रखण्डों एवं शहरी क्षेत्र हेतु आपूर्त्ति की जा चुकी है । पूर्वप्रशिक्षण के बावजूद सभी प्रखण्डों के प्रभारी/ चिकित्सा पदाधिकारियों, स्वास्थ्य प्रबंधकों, सामुदायिक उत्प्रेरकों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों ( सी एच ओ) का उन्मुखीकरण 17 जनवरी मंगलवार को स्वयं जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी, डा आर के यादव द्वारा वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से किया जा चुका है।
उनके द्वारा प्रखण्ड स्तर पर फिर से सभी दवा खिलाने वाले टीम एवं पर्यवेक्षकों को छोटे – छोटे समूह मे प्रशिक्षित करने हेतु सभी को निदेशित किया गया है ताकि कार्यक्रम के दौरान परिवार पंजी संधारण, सभी योग्य पात्रों को दवा खिलाने, गृह संख्या अंकण , पर्यवेक्षण तथा संध्याकालीन समीक्षा आदि मे कोई चूक न हो और पूरी आबादी ” सर्वजन दवा सेवन” से आच्छादित हो सके । सभी प्रखंडो मे “त्वरित प्रतिक्रिया दल” ( रैपिड रेस्पोंस टीम) का भी गठन किया गया है जो किसी भी तरह के विपरित प्रतिक्रिया की स्थिति मे ईलाज हेतु दवा के साथ मुस्तैद रहेंगे। इसके अतिरिक्त प्रखंड व जिला स्तरीय पर्यवेक्षण दल भी क्षेत्रों मे चल रहे कार्यक्रम की निगरानी करेंगे एवं जिला नियंत्रण कक्ष को सूचित करते रहेंगे ।
खार्यक्रम की सफलता हेतु जिला पदाधिकारी के निदेशानुसार सभी विभाग ( जीविका, शिक्षा, आपूर्ति, समेकित बाल विकास सेवा, पंचायती राज आदि) अपने स्तर से प्रचार प्रसार एवं जनजागरूकता में सहयोग कर रहे हैं । सहयोगी संस्थाओं ( पी सी आई , केयर ईण्डिया , तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसमे सहयोग कर रहे हैं ।
आप स्वस्थ्य दीखते हैं फिर भी फाईलेरिया के सूक्ष्म कृमि आपके खून मे हो सकते है जो कालान्तर मे ( 5 से 15 साल बाद) हाथीपाँव का रूप ले सकते हैं। जरूरत है मनुष्य को विकलांगता की ओर ले जाने वाले इस रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए सभी जिलावासियों को जागरूकता का जनआन्दोलन चलाकर सभी योग्य पात्रों द्वारा दवा सेवन का, तभी ” सर्वजन दवा सेवन” कार्यक्रम का लक्ष्य प्रप्त होगा और हम कालाजार की तरह फाईलेरिया से भी सीतामढ़ी को मुक्त करा पायेंगे।