मुजफ्फरपुर। फाइलेरिया से बचाव का रास्ता सिर्फ सर्वजन दवा सेवन के तहत दवा खाना है। दवा को और प्रभावी बनाने के लिए इस बार आइवरमेक्टिन नाम की दवा जोड़ी गयी है। जो भी ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर आपके द्वार पर जाएगें वह अपने सामने पानी और दवा आपको देंगे, ताकि वह दवा आप वहीं पर खा लें।
इस बार हमने शत प्रतिशत ड्रग एडमिनिशिट्रेशन कराने का संकल्प लिया है। अभियान की जानकारी के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों ही स्तर पर जागरूकता संबंधी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ये बातें नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज दिवस के अवसर पर हस्ताक्षर अभियान में मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने कही।
फाइलेरिया रोगियों ने जाना रोग प्रबंधन की कला
एनटीडी दिवस के मौके पर डॉ सतीश कुमार ने भगवती फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर की सदस्य प्रभा कुमारी जो फाइलेरिया के स्टेज 5 से ग्रसित थी। उन्हें एमएमडीपी किट की सहायता से रोग प्रबंधन के बारे में बताया। डॉ सतीश ने कहा कि हाथीपांव के एक्यूट अटैक में कभी भी गरम पानी से पांव को न धोएं, हमेशा साफ पानी का इस्तेमाल करें।
फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर की सदस्य प्रभा कुमारी ने कहा कि मैं पिछले 15 साल से फाइलेरिया से पीड़ित हूं। 10 फरवरी से फाइलेरिया की दवा आशा के द्वारा घर घर जाकर खिलाई जाएगी। आपलोग इसे जरूर खाएं, ताकि मैंने जो तकलीफ सह रही हूं आप न झेेले।
वरीय उप समाहर्ता ने की हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत
समाहरणालय परिसर में वरीय उप समाहर्ता डॉ अजय कुमार ने विश्व एनटीडी दिवस के अवसर पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। उन्होंने फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए लोगों को दवा खाने के लिए आगे आने की सलाह दी। इसके बाद सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने भी हस्ताक्षर कर अभियान को सफल बनाने के लिए प्रेरित किया।
परिसर में ही फाइलेरिया मुक्ति अभियान के लिए लगे सेल्फी जोन ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। हस्ताक्षर अभियान में नेहरू युवा केंद्र के बच्चों ने भी भाग लिया। मौके पर एडीएम डॉ अजय कुमार, सीएस डॉ यूसी शर्मा, डीएमओ डॉ सतीश कुमार, भिबीडीसी प्रितिकेश कुमार, पीसीआइ के अमित कुमार, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि और नेहरू युवा केंद्र के बच्चे मौजूद थे।