फाइलेरिया प्रसार दर की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे महत्वपूर्ण : डॉ सुधीर
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी,बीएचएम सीएचओ और लैब टेक्नीशियन को मिला प्रशिक्षण
नाइट ब्लड सर्वे के पहले लोगों में इसके फायदे बताना जरूरी
मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल के मलेरिया कार्यालय में मंगलवार को प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के प्रशिक्षण के साथ नाइट ब्लड सर्वे का प्रशिक्षण समाप्त हो गया। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में मुख्यत: सफलतापूर्वक नाइट ब्लड सर्वे कराने पर जोर दिया गया। प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम सहित लैब टेक्नीशियन शामिल थे।
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से सही प्रकार से सैंपल लेने, उनके प्रबंधन सहित जांच के सही तरीकों को बताना था। इससे फाइलेरिया प्रसार का सही आंकड़ा उपलब्ध हो पाएगा, जिससे सर्वजन दवा अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं के एडमिनिस्ट्रेशन में आसानी होगी।
प्रशिक्षण के दौरान डब्ल्यूएचओ की रिजनल समन्वयक डॉ माधुरी देवराजु ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे पूरी तरह से वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है। इसमें प्रत्येक सत्र पर कम से कम तीन सौ सैंपल लेना आवश्यक है। नाइट ब्लड सर्वे रात में साढे आठ बजे के बाद और 12 बजे के पहले होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइलेरिया के परजीवी हमेशा रात में ही पेरिफेरल ब्लड सर्कुलेशन में निकलते हैं। स्वस्थ दिखे व्यक्ति में भी फाइलेरिया के परजीवी हो सकते हैं।
एनबीएस से पता चलेगा कि किस प्रखंड में कितना फाइलेरिया का प्रसार है। प्रखंड के दोनों साइट मिलाकर प्रसार दर एक प्रतिशत या उससे अधिक आने पर आगामी फरवरी में एमडीए/आइडीए कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा।
एनबीएस के पहले जागरूकता जरूरी
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार ने एनबीएस के पहले ग्रामीणों में एनबीएस के फायदों और फाइलेरिया के बारे में जागरूकता को काफी अहम बताया। पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य, आशा, आंगनबाड़ी समेत प्रखंड स्तर के फाइलेरिया कर्मी भी इस जागरूकता का हिस्सा बनेंगे।
मौके पर भीडीसीओ पुरुषोत्तम कुमार, भीडीसीओ राजीव कुमार, भीडीसीओ रौशन कुमार, एफएलए संजय कुमार, भीडीसीओ अभिषेक कुमार, पीरामल पी ओ इफ्तिखार अहमद खान और सीफार डी सी नीतू कुमारी सहित अन्य मौजूद थे।