पटना : राज्य के 24 जिले के 7.50 करोड़ से अधिक की आबादी करेगी एमडीए राउंड में दवा सेवन 

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पटना | भारत सरकार के दिशानिर्देश पर अब देश में एक साथ प्रत्येक वर्ष के 10 फरवरी एवं 10 अगस्त से एमडीए-फाइलेरिया यानी सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। राज्य में 10 फरवरी से 24 जिलों में शुरू होने वाले एमडीए राउंड में लगभग 7.57 करोड़ आबादी को एमडीए राउंड में दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें 16 जिलों में 2 तरह की एवं 8 जिलों में तीन तरह की दवाएं खिलाई जाएगी। एमडीए राउंड 14 दिनों तक चलेगा।

एमडीए राउंड के पहले राज्य के 23 जिलों के 332 प्रखंडों में माइक्रो फ़ाइलेरिया प्रसार दर को जानने के लिए नाईट ब्लड सर्वे का आयोजन किया गया। जिसमें 48 प्रखंडों में माइक्रो फाइलेरिया दर 1% से कम पाई गयी है। इसका आशय यह है कि इन प्रखंडों में अब फाइलेरिया प्रसार न्यूनतम स्तर पर आ गया है। उक्त बातें राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने एमडीए पर आयोजित स्टेट टास्क फ़ोर्स की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि एमडीए पर लोगों को जागरूक करने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों के रोगी पर्चे पर एमडीए की जानकारी भी दी जाएगी। 

एमडीए की सफलता के लिए अन्तर्विभागीय सहयोग जरुरी

कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने बताया कि एमडीए राउंड में दवा सेवन सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड स्तर तक मजबूत मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि एमडीए-राउंड की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा। जिसमें शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज, नगर निगम, पीडीएस, समाज कल्याण विभाग,पीआरडी, जीविका, पीएचईडी एवं ग्रामीण विभाग के साथ मेडिकल कॉलेज भी  सहयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है। फाइलेरिया के उपचार की तुलना में इसकी रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है। एमडीए के जरिए ही फाइलेरिया की रोकथाम एवं उन्मूलन संभव है।

दवा सेवन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष रणनीति पर जोर

बैठक के दौरान फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए एमडीए कार्यक्रम की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमडीए की सफलता के लिए सूक्ष्म कार्य-योजना एवं मॉनिटरिंग एवं सपोर्टिव सुपरविजन पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमडीए राउंड के दौरान प्रत्येक दिन शाम में जिला/ प्रखंड स्तर पर दवा सेवन की स्थिति पर बैठक कर जायजा लिया जाएगा। वहीं, एमडीए राउंड के मध्य में राज्य स्तर पर समीक्षा बैठक भी होगी। 

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पिछले एमडीए राउंड की उपलब्धि पर चर्चा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एनटीडी स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने मॉनिटरिंग डाटा के आधार पर पूर्व में आयोजित एमडीए राउंड के दौरान जिलों की उपलब्धि पर चर्चा किया। उन्होंने कार्यपालक निदेशक को स्टेट टास्क फ़ोर्स के जरिए एमडीए को सफल बनाने के लिए जरुरी तैयारी एवं क्रियान्वयन से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने कहा कि आईएमए द्वारा भी एमडीए में सहयोग किया जा रहा है।  

सभी विभागों ने सहयोग पर हुयी चर्चा

एमडीए राउंड में सहयोग कर रहे सभी विभागों की भूमिकाओं पर विस्तार से चर्चा हुयी। साथ ही सहयोगी संस्थाओं में शामिल केयर इण्डिया, पीसीआई, जीएचएस, सीफ़ार एवं लेप्रा सोसाइटी ने एमडीए में अपने योगदान पर विस्तार से जानकारी दिया। इस दौरान डायरेक्टर इन चीफ डॉ. आरसी वर्मा, डॉ. रश्मि सिंह प्रोफेसर एवं हेड कम्युनिटी मेडिसिन पीएमसीएच, आईएमए बिहार के सचिव डॉ. अशोक कुमार,

बीएमजीएफ के एनटीडी के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. अमोल पाटिल, आरएचओ डॉ. रविशंकर, फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज रावत एवं स्टेट फाइलेरिया ऑफिस से प्रभात, पीसीआई के रणपाल, केयर इण्डिया से विकास, सीफ़ार से रणविजय एवं रंजीत, जीएचएस से दीपक, लेप्रा सोसाइटी से दिलीप सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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