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जिले में 11 नवम्बर से शुरू होगा मिशन परिवार विकास अभियान

-30 नवम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का होगा आयोजन- डीसीएम नन्दन झा 

मोतिहारी। जिले में 11 नवम्बर से मिशन परिवार विकास अभियान शुरु होने जा रहा है। 30 नवम्बर तक इसके तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा भी आयोजित किया जाएगा। 11 नवम्बर से 17 नवम्बर तक “दम्पत्ति सम्पर्क सप्ताह” एवं 18 नवम्बर से 30 नवम्बर तक “परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा” संपादित किया जाएगा ये जानकारी जिले के डीसीएम नन्दन झा ने दी है, उन्होंने बताया की इसको लेकर राज्य द्वारा पत्र जारी किया गया है।

जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि पूरे राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाना तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है, जिसके लिए जिलास्तर पर तैयारियाँ शुरू कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के तरफ से निर्देश दिया गया है। पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के बेहतर प्रबंधन हेतु विभागों से समन्वय हेतु जिला स्तर पर बैठक का आयोजन किया जायगा। समुदाय स्तर पर आमजन को उत्प्रेरित करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र आदि की भागीदारी होगी। जागरूकता उत्पन्न के उद्देश्य से ई-रिक्शा (सारथी रथ) चलवाया जाएगा।

महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबन्दी कराने पर मिलेगा आर्थिक लाभ

पीएसआई के जिलाप्रतिनिधि अमित कुमार ने बताया कि जिले के सभी 27 प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाता है जिसमें गर्भनिरोधक दवाएँ, सुई, माला, छाया, अंतरा एवं कंडोम के साथ ही अन्य गर्भनिरोधक सामग्रियों का वितरण कराया जाता है। महिला बंध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी हेतु आमजनों को जागरूक किया जाता है।

बंध्याकरण/नसबंदी के गुणवत्तापूर्ण सेवा अंतर्गत परामर्श, चिकित्सीय जाँच, पैथोलॉजी जाँच इत्यादि की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जाती है। लाभार्थी को प्रत्येक अंतरा सूई पर 100/-रूपये की राशि उनके खाता में भेजी जाती है।

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी भारत भूषण ने बताया कि नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए प्रोत्साहन के तौर पर दिए जाने का प्रावधान है। जबकि महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए आर्थिक लाभ दी जाती है।

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