बिहारवैशालीस्वास्थ्य

चमकी पर मेडिकल ऑफिसर का हुआ प्रशिक्षण, एसओपी के अनुसार ही इलाज की नसीहत 

सभी प्रखंडों के मेडिकल ऑफिसर के साथ सीएचओ और बीसीएम का हुआ प्रशिक्षण 

बिना उपचार किए रेफर नहीं होंगे चमकी पीड़ित 

वैशाली। मौसम की तल्खी और चमकी की बढ़ती संभावनाओं के बीच सोमवार को एएनएम स्कूल में चमकी नियंत्रण, प्रबंधन एवं नए एसओपी पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण दो बैच में जिले के मेडिकल ऑफिसर, प्रत्येक प्रखंड के दो सीएचओ और बीसीएम को दिए जाएगें।

सोमवार को हुए प्रशिक्षण में कुल 52 स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। मुख्य प्रशिक्षक के रूप में जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी के साथ डॉ चंदन कुमार मौजूद थे। डॉ गुड़िया ने बताया कि गर्मी और उष्णता बढ़ने के साथ एईएस/चमकी की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में पूर्व की तैयारी बहुत ही जरूरी है।

जिले के सभी प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपने यहां दो बेड के स्पेशल एईएस वार्ड के संचालन के लिए विभागीय आदेश दिया जा चुका है। इसके अलावा एईएस के नए एसओपी 2023 के अनुसार वार्ड को वातानुकूलित तथा उपयोगी उपकरण व दवाओं की सुनिश्चितता के लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं। 

चमकी के एक भी लक्षण पर होगा त्वरित उपचार

जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया ने बताया कि चिकित्सकों को चमकी वार्ड में नए एसओपी के अनुसार ही लक्षण आधारित उपचार करने को कहा गया है। अगर किसी बच्चे में चमकी के एक भी लक्षण दिखे तो उसका उपचार तुरंत करें। किसी भी हालत में बिना उपचार के कोई बच्चा रेफर न हो इसका पालन करें। विषम परिस्थिति में ही जिला अस्पताल या एसकेएमसीएच सुविधापूर्ण एम्बुलेंस के साथ ही भेजा जाए। 

एक्टिव मोड में आशा फैलाएं एईएस पर जागरूकता

डॉ गुड़िया ने प्रशिक्षण के दौरान सभी बीसीएम को निर्देश दिया कि वे आशा के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा एईएस पर जागरूकता फैलाएं। जागरूकता के लिए आरबीएसके के वाहन से भी ऑडियो के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आशा जीरो से 15 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष नजर रखें।

उनके अभिभावकों को सलाह दें कि बच्चे धूप में ज्यादा न जाएं, रात को खाना खिलाकर ही सुलाएं, रात को खाने में कुछ मीठा जरूर खिलाएं। मंगलवार को दूसरे बैच के मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ और बीसीएम को एईएस के नए एसओपी और नियंत्रणार्थ प्रशिक्षित किया जाएगा। मौके पर जिला भीबीडीसी डॉ गुड़िया कुमारी, डॉ चंदन कुमार, हेल्थ एजुकेटर राकेश कुमार सिंह, भीडीसीओ राजीव कुमार सहित विभिन्न प्रखंडों से आए एमओ, बीसीएम और सीएचओ मौजूद थे।

चमकी को तीन धमकी

1 खिलाओ: बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाओ।

2 जगाओ: सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ। देखो, कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं।

3 अस्पताल ले जाओ: बेहोशी या चमक दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी उपलब्ध गाड़ी से अस्पताल ले जाओ।

चमकी बुखार :-ईंसफेलाईटिस

चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए बच्चों को:

-तेज धूप से दुर रखे।

-अधिक से अधिक पानी, ORS अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।

-हल्का साधारण  खाना खिलाएं, बच्चों को जंक-फूड से दुर रखे।

-खाली पेट लिची ना खिलाएं।

-रात को खाने के बाद थोड़ा मिठा ज़रूर खिलाऐ।

-घर के आसपास पानी जमा न होने दे।

-रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करे।

-पूरे बदन का कपड़ा पहनाएं।

-सड़े-गले फल का सेवन ना कराएं, ताजा फल ही खिलाएं।

-बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं।

लक्षण (बच्चों को):-

-सिर दर्द, अचानक तेज बुखार आना जो 5-7 दिनों से ज्यादा का ना हो।

-हाथ पैर मे अकड़ आना/टाईट हो जाना।

-बेहोश हो जाना।

-बच्चो के शरीर का चमकना/शरीर का कांपना।

-बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक संतुलन ठीक नहीं होना।

-गुलकोज़ का शरीर मे कम हो जाना।  

-शुगर कम हो जाना ईत्यादि।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *