शिवहर – सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान विभागीय समन्वय से कार्यक्रम बनाएं सफल : डीएम
जिले में 2303 फाइलेरिया मरीज, 10 फ़रवरी से 17 दिन चलेगा कार्यक्रम
शिवहर। समाहरणालय सभागार में जिला पदाधिकारी पंकज कुमार के अध्यक्षता में सर्वजन दवा सेवन अभियान पर जिला समन्वय समिति बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय का निर्देश देते हुए बताया कि कार्यक्रम से संबंधित सभी क्रिया कलापों को नियत समय तथा गुणवत्ता पूर्वक संचालित किया जाए। वहीं सिविल सर्जन डॉ शैलेन्द्र कुमार झा, जिला भीबिडीसी पदाधिकारी डॉ सुरेश राम तथा पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रतिनिधि प्रभाकर ने कार्यक्रम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराया।
डॉ सुरेश राम ने बताया है कि जिला के सभी प्रखंड में आगामी 10 फरवरी 2024 से अभियान का संचालन किया जाना है। जिसके लिए प्रशासनिक विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, जीविका, आपूर्ति विभाग, सुचना जनसंपर्क विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग सहित सहयोगी संस्थानों में आपसी समन्वय व परामर्श अपेक्षित है। जिससे फाइलेरिया उन्मूलन हेतु कार्यक्रम को संचालित करने में योगदान मिलेगा। अब तक जिला में कुल 2303 फाइलेरिया संक्रमित लोगों को चिन्हित किया जा चुका है जिसका निगरानी जिला भीबिडीसी कार्यालय के द्वारा किया जा रहा है।
दवा को सामने खिलाने पर जोर
सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को नियत समय से जिला कार्यालय को माइक्रोप्लान साझा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पिछली बार से सबक लेते हुए हमें इस बार दवाओं को ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर अपने सामने ही खिलाएं। घर में मौजूद नहीं रहने पर उस व्यक्ति की दवा उसके घर में नहीं दे।
इस बार जिले में 7 लाख से अधिक लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी। दवा खिलाने के कार्य में 684 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 342 टीम तथा 37 सुपरवाइजर को जिम्मेवारी दी गयी है। दवा खिलाने में पहले डीइसी, आइवरमेक्टिन और अंत में एल्वेंडाजोल की गोली को चबाकर खिलाने पर जोर दिया।
पिरामल फाउंडेशन के जिला प्रतिनिधि ने कार्यक्रम के आयोजन और रणनीति तथा संबंधित विभागों से अपेक्षाओं के बारे में विस्तार से बताया। अपेक्षित सभी विभागों के प्रतिनिधि ने सहभागिता दिया।
पीसीआई के जिला प्रतिनिधि अमित कुमार ने आगामी कार्यक्रम के उन्मुखीकरण तथा प्रचार-प्रसार से संबंधित योजनाओं से अवगत कराया साथ ही संबंधित सभी विभागों से उन्मुखीकरण को गतिशील बनाने हेतु सुझाव मांगे।
एमडीए/आईडीए कार्यक्रम का संचालन इस वर्ष 14 दिन से बढाकर 17 दानों तक संचालित किया जाएगा। जिसमें शुरुआती के तीन दिन केवल स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी तथा अन्य संस्थान जहां अधिक लोग हो, दवा खिलाई जायेगी।
इसके उपरांत 12 दिन घर-घर जाकर लोगों को दवा सेवन कराया जाना है तथा 2 दिनों के मोपअप राउंड में छुटे हुए लोगों को दवा खिलाया जाना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवम गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नही खिलानी है। मौके पर स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ सहयोगी संस्थाएं भी मौजूद थी।