बिहारवैशालीस्वास्थ्य

वैशाली : कालाजार रोगी खोज अभियान की हुई शुरुआत, हर दरवाजे पर दस्तक देंगी आशा

सोमवार से कालाजार रोगी खोज अभियान शुरू 

कालाजार प्रभावित प्रखंडों में कालाजार मरीजों के घर के 500 मीटर के परिधि में रोगी की होगी खोज 

वैशाली। जिले के 14 प्रखंडो में कालाजार मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की खोज करेंगी। जिला भीबिडीसी पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी ने बताया कि सभी कर्मियों को हाउस टू हाउस संबंधित सामाग्री दी गई है।  प्रखंड के बीएचआई, वीबीडीएस, बीएचडब्लू (मलेरिया), केबीसी, साहित सभी कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।

अभियान  के तहत  आशा कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर जाकर कालाजार रोगियों की खोज की जाएगी। अभियान में वर्ष 2021, 22 एवं 23 में कालाजार प्रभावित प्रखंडों में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के घर के 500 मीटर के परिधि में (200 से 250 घर ) अवस्थित घर घर जाकर वीएल /एचआईभी+पीकेडीएल रोगी की खोज जाएगी। क्षेत्र में अभियान की सफलता को लेकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

हर पीएचसी पर मुफ्त जांच सुविधा उपलब्ध

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ गुड़िया कुमारी ने बताया हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कालाजार जांच की सुविधा उपलब्ध है। कालाजार की किट (आरके-39) से 10 से 15 मिनट के अंदर टेस्ट हो जाता है। हर सेंटर पर कालाजार के इलाज में विशेष रूप से प्रशिक्षित एमबीबीएस डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध हैं। 

सरकार द्वारा रोगी को मिलती है आर्थिक सहायता

डॉ. गुड़िया ने बताया कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं। बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में 4000 रुपये की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है।

कालाजार के कारण

कालाजार मादा फाइबोटोमस अर्जेंटिपस(बालू मक्खी)  के काटने के कारण होता है, जो कि लीशमैनिया परजीवी का वेक्टर (या ट्रांसमीटर) है। किसी जानवर या मनुष्य को काट कर हटने के बाद भी अगर वह उस जानवर या मानव के खून से युक्त है तो अगला व्यक्ति जिसे वह काटेगा वह संक्रमित हो जायेगा। इस प्रारंभिक संक्रमण के बाद के महीनों में यह बीमारी और अधिक गंभीर रूप ले सकती है, जिसे आंत में लिशमानियासिस या कालाजार कहा जाता है।

कैसे होगी कालाजार रोगियों की पहचान

वैसे मरीज कालाजार के रोगी हो सकते हैं जिन्हें-

•15 दिन से ज्यादा से बुखार हो

•जिन्हें भूख नहीं लगती हो, उदर बड़ा हो रहा हो

•जिनका वजन लगातार कम हो रहा हो

•शरीर का काला पड़ रहा हो

•वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार न हो पर उनके शरीर पर दाग हो और पूर्व में कालाजार के रोगी रह चुके हों

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *