पटना : नए पाठ्यक्रम मोडयूल को सफलतापूर्वक क्रियांवित करना हम सबकी जिम्मेदारी- मदन सहनी
“नवचेतना-सह-आधारशिला” पाठ्यक्रम का हुआ शुभारंभ
आईसीडीएस, समाज कल्याण विभाग एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में उन्मुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन
पटना– पटना स्थित एक निजी होटल में “नवचेतना-सह-आधारशिला” पाठ्यक्रम का शुभारंभ सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आईसीडीएस, समाज कल्याण विभाग एवं यूनिसेफ के तत्वावधान में आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मंत्री, समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार, मदन सहनी, सचिव, समाज कल्याण विभाग, प्रेम सिंह मीणा, निदेशक, आईसीडीएस,
डॉ. कौशल किशोर, यूनिसेफ बिहार की क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख डॉ. मार्ग्रेट ग्वाडा सहित प्रथम के अधिकारी एवं समेकित बाल विकास विभाग के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला समन्वयक, आईसीडीएस निदेशालय के अधिकारी एवं कर्मी, सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि सहित शामिल हुए.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व मंत्री, समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार, मदन सहनी ने कहा कि “नवचेतना-सह-आधारशिला” पाठ्यक्रम बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास करने में सहायक होंगे. उन्होंने कहा कि नए पाठ्यक्रम मोडयूल को सफलतापूर्वक क्रियांवित करना हम सबकी जिम्मेदारी बनती है.
किसी भी बच्चे की सिखने की शुरुआत माँ के गर्भ से ही होती है गर्भकाल के दौरान माँ एवं उसके गर्भस्थ शिशु को बेहतर एवं स्वस्थ माहौल इसकी पृष्ठभूमि तैयार करता है. उन्होंने कहा कि बेहतर तरीके से प्रखंड एवं जिला स्तर तह इन नए पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण किया जाए जिससे हमें बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके.
नए पाठ्यक्रम को जनांदोलन का रूप देने की जरुरत
कार्यक्रम में अपने संबोधन में सचिव, समाज कल्याण विभाग, प्रेम सिंह मीना ने कहा कि नए पाठ्यक्रम को जनांदोलन का रूप देने की जरुरत है. अभी राज्य के 5 जिलों पटना, गया, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण एवं किशनगंज में “नवचेतना” पाठ्यक्रम का पायलट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अन्य जिलों से अधिकारी पायलट जिलों में जाकर नए पाठ्यक्रम का क्रियान्वयन देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि 0-3 वर्ष के बच्चों के लिए काफी काम करने की जरुरत है.
सितंबर महीने में होगी नए पाठ्यक्रम मोडयूल की शुरुआत
कार्यशाला की शुरुआत करते हुए निदेशक, आईसडीएस ने कहा सितंबर में पोषण माह के दौरान नए पाठ्यक्रम की शुरुआत राज्य के बांका, पुर्णिया, सुपौल, सहरसा, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा एवं अररिया में शुरुआत की जाएगी.
उन्होंने कहा कि “नवचेतना” पाठ्यक्रम 0-3 वर्ष के बच्चों को लक्षित है एवं “आधारशिला” 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए तियां किया गयाहै. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा गाइडलाइन तैयार की गयी है. उन्होंने बताया कि दो चरणों में आंगनवाड़ी सेविकाओं का पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा. एक बैच में अधिकतम 100 केंद्रों की सेविकाओं को प्रशिक्षण देने की योजना है.
कार्यक्रम में अपने संबोधन में यूनिसेफ बिहार की क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख डॉ. मार्ग्रेट ग्वाडा ने बताया कि किसी भी बच्चे का 90 फीसदी मानसिक विकास 6 वर्ष तक हो जाता है. उन्होंने कहा कि शुरुआती बाल्यावस्था में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक मनुष्य के स्वस्थ एवं पोषित जीवन की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं. यूनिसेफ समेकित बाल विकास विभाग एवं राज्य सरकार के साथ मिलकर नए पाठ्यक्रम को गुणवत्तापूर्ण तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.
कार्यक्रम में “प्रथम” के स्मितिन ब्रिद एवं एमजीआईएमएस महाराष्ट्र के डॉ. सुबोध गुप्ता ने विस्तार से नए पाठ्यक्रम के बारे में प्रतिभागियों को बताया. कार्यक्रम का संचालन यूनिसेफ की डॉ. शिवानी दर ने किया.