कलयुग में भागवत कथा का श्रवण मात्र से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है : सुदीक्षा कृष्णा जी महाराज

डुमरांव. नगर स्थित जंगल बाजार शक्ति द्वार के समीप बड़ी संघत उदासीनमठ में शनिवार को सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के दौरान कथा व्यास ने कथा में श्रीमदश्रभागवत कथा की महिमा और सुनने का महत्व क्या है. इसके बारें में विस्तार से बताया. उन्होने अपने कथा के दौरान कहां कि भागवत कथा सुनने से मन शांत होता है, सत्कर्म करने की प्रेरणा मिलती है, और पापों से मुक्ति मिलती है. भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण के जीवन का वर्णन है.
मान्यता है कि भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. भागवत कथा के सुनने और सुनाने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है. श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से ही गोकर्ण के भाई प्रेतात्मा धुंधकारी को प्रेत योनी से मुक्ति मिली थी. पितृ व प्रेतों की मुक्ति का भागवत ही सशक्त माध्यम है. प्राणी मात्र के प्रति प्रेम, करुणा, दया व मैत्री भाव रखने से परमात्मा शीघ्र प्रसन्न होते हैं. श्रीमद् भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है. कथा सुनने से मन को शांति मिलती है. पीड़ा से मुक्ति मिलती है, सच्चे सुख का मार्ग प्रशस्त होता है.
भागवत कथा समाज में प्रेम की संदेश देता है. समाजिक सदभाव व शांति तथा आपसी भाईचारा के लिए भागवत कथा जरूरी है. कथा श्रवण से कष्ट दूर होते हैं. ईश्वर को पाने के लिए मंदिर में भटकने की जरूरत नहीं है, वो तो सभी जगह विराजमान हैं. भगवान कृष्ण ने लीलाओं के माध्यम से आदर्श को स्थापित किया जो आज के दिन भी अति प्रासंगिक हैं. भागवत कथा सुनने से पाप दूर होते हैं. भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि कलयुग में भागवत कथा का श्रवण मात्र से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है.
कर्म को सबसे बड़े धर्म की संज्ञा दी गई है. मनुष्य ही एक एैसा प्राणी है, जिसमें सोंचने एवं समझने की चेतना होती है. इस जीवन में अच्छे कर्म कर प्राणी हमेशा के लिए जन्म मृत्यु से मुक्ति पाकर परमधाम को प्राप्त कर सकता है. कथा प्रारंभ होने से पहले वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना उपरांत आरती हुआ. उसके बाद कथा प्रारंभ हुआ. यजमान अंजू शर्मा बनी.
मौके पर आयोजन समिति अध्यक्ष नप उप चेयरमैन विकास ठाकुर, उपाध्यक्ष बब्लू जायसवाल, सचिव अरविंद श्रीवास्तव, उप सचिव विनोद केशरी, कोषाध्यक्ष कन्हैया तिवारी, संयोजक मुन्ना जी के अलावे मनीष मिश्रा, राजेेश यादव, मनीष यादव, अमीत मिश्रा, देवेंद्र सिंह, सोनू ठाकुर, सुडु प्रसाद, मो एकराम, रामजी प्रसाद, सुनील मिश्रा, शशि कुमार समेत श्रद्धालु मौजूद रहें.
