– स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक में बोले डीडीसी
– अब फाइलेरिया रोगियों को भी मिलेगा विकलांगता प्रमाण पत्र
मुजफ्फरपुर। सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत ट्रिपल ड्रग थेरेपी कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन बिल्कुल तैयार है। विभिन्न विभागों के समन्वय से इस कार्यक्रम में जागरुकता, प्रचार प्रसार और दवा खिलाने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए विस्तृत माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। अनेक स्तरों पर आवश्यक प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। ये बातें उपविकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने स्वास्थ्य विभाग के साथ हुए वीसी में बुधवार को कही। आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जागरूकता एवं प्रचार प्रसार के लिए कचरा गाड़ी का उपयोग किया जाएगा। नगर निगम के कर्मी भी एमडीए के तहत मिलने वाली दवा को खिलाने में मदद करेंगे। इस बाबत निर्देश भी निर्गत किया जा चुका है। इसके अलावा प्रचार प्रसार और जागरूकता में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जीविका, नेहरू युवा केंद्र के कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, आशा, एएनएम सहित अन्य विभाग के कर्मी भी अपना सहयोग देंगे। ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर का प्रशिक्षण 27 जनवरी से किया जाएगा। इसके लिए संबंधित एमओआइसी गुणवत्ता के साथ प्रशिक्षण को प्रोजेक्टर के माध्यम से करेंगे। प्रशिक्षण में माइक्रोप्लान की एक छवि प्रत्येक टीम को जरूर दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों को दिया निर्देश:
जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने पत्र के माध्यम से ग्रामीण स्तर के सभी सरकारी कर्मियों को अपनी कार्ययोजना बनाकर 27 जनवरी से 23 फरवरी तक जागरूकता कार्यक्रम अपने क्षेत्र में चलाएंगे एवं दवा खाने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे।
किसी भी अवस्था में दवा का वितरण नहीं होगा:
डॉ सतीश ने कहा कि एमडीए कार्यक्रम के दौरान किसी भी अवस्था में दवा का वितरण नहीं किया जाएगा । इसे आम जन को स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना होगा। दवा बांटे जाने पर जानकारी के बाद संबंधित पीएचसी पर कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक पीएचसी में रैपिड रेस्पांस टीम का भी गठन किया जाएगा जो अप्रिय परिस्थिति से निपटने में मददगार होगा।
हाइड्रोसील के ऑपरेशन पर जोर:
स्वास्थ्य विभाग की बैठक में डीडीसी ने बताया कि अभी जिले के मुरौल, कांटी और मोतीपुर में हाइड्रोसील का ऑपरेशन शुरू किया गया है। जल्द ही अन्य पीएचसी को इसे शुरू करने का निदेश दिया गया है।
फाइलेरिया रोगियों को मिलेगा विकलांगता प्रमाण पत्र:
फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को विकलांगता प्रमाण पत्र दिया जाना है। इसके लिए सिविल सर्जन द्वारा पत्र भेजा जा चुका है। डीडीसी ने भी इसे हरी झंडी दे दी है। अब प्रत्येक पीएचसी द्वारा फाइलेरिया रोगियों को भी विकलांगता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।