बेतिया : एमएमडीपी किट से मिलती है फाइलेरिया मरीजों को राहत

किट वितरण के साथ देखभाल करने के बताए गए तरीक़े, जिले में फाइलेरिया के हैं 3690 मरीज
बेतिया। फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद लोगों में कई वर्ष के बाद इसके लक्षण -हाथीपांव, बढ़े हुए हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में लक्षण दिखाई देता है। यह कहना है जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे का।
उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव हेतु समय समय पर विभाग द्वारा अभियान चलाकर आशा, व स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा लोगों को जागरूक करते हुए सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाता है।ताकि लोग दवाओं का सेवन कर सुरक्षित रह सकें।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया मरीजों की देखभाल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर एमएमडीपी किट मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है। साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इसके उपयोग के तौर-तरीके भी सिखाए जाते हैं। किट के प्रयोग से फाइलेरिया मरीजों को काफी राहत मिलती है ।
929 किट का हो चुका है वितरण
फाइलेरिया इंचार्ज राजकुमार शर्मा ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 929 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट उपलब्ध कराई गई है। वहीं पिरामल के प्रतिनिधि श्यामसुंदर कुमार ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पीएचसी पर मेडिकल कैंप लगाकर फाइलेरिया मरीजों को किट देने के साथ हीं उपयोग के तरीके भी बताए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि किट में एक छोटा टब, मग, साबुन, एंटी सेप्टिक क्रीम, पट्टी इत्यादि सामान होते हैं। इसके सहयोग से फाइलेरिया मरीज अपने जख्म को ठीक कर सकते हैं। जिससे उन्हें काफी राहत मिलती है।
दवा का सेवन करें और फाइलेरिया से सुरक्षित रहें
जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ हरेन्द्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से बचने का सबसे बेहतर उपाय है कि एमडीए अभियान के दौरान सर्वजन दवा का सेवन करें। उन्होंने बताया कि जिले में हाइड्रोसील के 761 मरीज हैं।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं। इसलिए इस रोग से बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखना जरूरी है। दूषित पानी में केरोसीन तेल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें। उनके अनुसार सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें।