मोतिहारी – जन जागरूकता से होगा फाइलेरिया उन्मूलन : सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार

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मोतिहारी। जिला स्वास्थ्य समिति और सेंटर फॅार एडवोकेसी एंड रिसर्च ( सिफार ) के संयुक्त तत्वावधान में डीएचएस सभागार में बुधवार को राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, एमडीए अभियान पर मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर सीएस डॉ अंजनी कुमार,एसीएमओ डॉ रंजीत राय, डीभीडीसीओ डॉ शरत चन्द शर्मा, केयर डीपीओ मुकेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने की। इस दौरान सीएस ने मीडिया कर्मियों को बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जिसे हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के बाद 5 से 15 वर्ष के बाद मनुष्यों में यह हाथीपांव, हाइड्रोसील, महिलाओं के स्तनों में सूजन इत्यादि के रूप में दिखाई देता है। यह शरीर को अपंग एवं कुरूप करने वाली बीमारी है। इससे भारत के 257 जिले प्रभावित हैं।

इससे सुरक्षित रहने का एकमात्र विकल्प एमडीए राउण्ड के दौरान सर्वजन दवा सेवन करना है। उन्होंने बताया कि जन जागरूकता के द्वारा ही सर्वजन दवा सेवन से फाइलेरिया का उन्मूलन सम्भव है। उन्होंने मीडिया कर्मियों से जनजागरूकता हेतु अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस, जीविका, शिक्षा विभाग की टीमें बैनर पोस्टर के साथ प्रचार प्रसार कर फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग कर रही हैं।

10 फरवरी से अगले 14 दिनों तक चलेगा अभियान

डिभिडिसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि 10 फरवरी से अगले 14 दिनों तक जिले के 23 प्रखंडों में 2163 दलों के द्वारा  49 लाख 38 हज़ार 4 सौ 34 लोगों को डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी, इसमें इस बात का ध्यान रखना है कि आशा कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही दवा खानी है।

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इस प्रकार खिलाई जाएगी दवा

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 1 गोली और अल्बेंडाजोल की 1 गोली, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को डीईसी की 2 गोली व  अल्बेंडाजोल की 1 गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को डीईसी की 3 गोली व अल्बेंडाजोल की 1 गोली खिलाई जाएगी।

दवा का हल्का साइड इफेक्ट हो सकता है, घबराएं नहीं

डॉ शर्मा ने बताया कि खाली पेट दवा नहीं खानी है। उन्होंने दवा खाने से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में बताया कि दवा खाने से शरीर के अंदर मरते हुए कीड़ों की वजह से कभी-कभी किसी व्यक्ति को सिर दर्द, बुखार, उल्टी, बदन पर चकते एवं खुजली हो सकती  है । इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह स्वत:  दो-एक घंटे में ठीक हो जाएगा। फिर भी ज्यादा दिक्कत होने पर ऐसे लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।

इस मौके पर डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, जिला अनुश्रवण पदाधिकारी अमानुल्लाह, डैम अभिजीत भूषण, केयर डीपीओ मुकेश कुमार, यूनिसेफ के धर्मेंद्र कुमार, आरबीएसके जिला कार्यक्रम प्रभारी डॉ मनीष कुमार, भिडिसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्यनारायण उराँव, रविंद्र कुमार, चंद्रभानु कुमार, पीसीआई के मनोज कुमार, सिफार राज्य प्रतिनिधि किशोर केशव सहित बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी उपस्थित थे।

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