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बेतिया : उत्सवी माहौल के साथ आठ दिवसीय नाइट ब्लड सर्वे की हुई शुरुआत 

सर्वे के दौरान फाइलेरिया परजीवी को चिह्नित करने को जागरूक देखे गए युवा 

सिविल सर्जन ने बेतिया पीएचसी, रानी पकड़ी से किया नाइट ब्लड सर्वे का शुभारम्भ 

बेतिया। फाइलेरिया रोग के परजीवी की पहचान को लेकर जिले के सभी 18 पीएचसी के चिह्नित साइटों पर लैब टेक्नीशियन व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम द्वारा उत्सवी माहौल में पीएचसी को बैलून व बैनर पोस्टर के साथ सजाकर नाइट ब्लड सर्वे का संचालन किया जा रहा है।

जिले के बेतिया पीएचसी, रानी पकड़ी से सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे व एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा द्वारा नाइट ब्लड सर्वे का शुभारम्भ किया गया। मौके पर उपस्थित सिविल सर्जन डॉ दुबे ने बताया की 20 से 23 दिसम्बर एवं 26 से 29 दिसम्बर आठ दिनों तक नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा।

जिसमें रात 08:30 से लेकर 12 बजे तक 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों के ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि रात में  सैंपल लेने का मुख्य कारण है कि इस समय शरीर में फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा एक्टिव होते हैं।

उन्होंने बताया कि ब्लड सैंपल कलेक्शन के बाद 24 घंटे के अन्दर स्टैनिंग की प्रक्रिया  करा ली जाएगी। वहीं जाँच के उपरांत जहां माइक्रो फाइलेरिया दर 1 प्रतिशत या अधिक होगी उन स्थानों पर 10 फ़रवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान की शुरुआत की जाएगी। 

सर्वें के दौरान युवाओं में देखी गई जागरूकता

जिला फाइलेरिया इंचार्ज राजकुमार शर्मा व भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया कि आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, मुखिया, सरपंच, वार्ड पार्षद, जीविका दीदी व स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से रक्त जाँच कराने हेतु प्रचार प्रसार किया गया है। जिसके कारण पीएचसी पर नाइट ब्लड सर्वे के दौरान युवाओं में जागरूकता देखी गई।

लोग उत्साहित होकर अपने रक्त की जाँच कराते हुए दिखे। भीबीडीएस प्रकाश कुमार ने बताया कि अभी सेंटिनल साइट पर 300 सैंपल लिए जाने हैं। इसके पश्चात रैंडम साइट पर इसी प्रकार प्रत्येक साइड से 300 रक्त के नमूने लिए जाएंगे। 

संक्रमित मादा क्यूलेक़्स मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया

भीबीडीएस प्रकाश कुमार, पिरामल संस्था से राजू सिंह, अंजलि उड़मेदकर ने कहा कि फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक़्स मच्छर के काटने से फैलता है। प्रकाश कुमार ने कहा कि पूरे संसार में लेप्रोसी के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा रोग है जिससे स्थाई विकलांगता आ जाती।

इसका कोई निदान नहीं है। सर्वजन दवा सेवन द्वारा बचाव ही इसका मुख्य समाधान है। मौके पर बेतिया के बीसीएम, बीएचएम पिरामल संस्था से राजू सिंह, अंजलि उड़मेदकर,अजय कुमार, शिवांश दुबे, श्याम सुन्दर कुमार,पीसीआई से बिपिन कुमार मौजूद थें।

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