मोतीहारी : महिला बंध्याकरण में राज्य में तीसरे स्थान पर आया पूर्वी चम्पारण
मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 12 से 24 फ़रवरी तक जिले में चला अभियान
03 हजार 538 महिलाओं का जिले में हुआ बंध्याकरण
स्वास्थ्य कर्मियों के मेहनत से अभियान में मिली सफलता- एसीएमओ, डॉ श्रवण कुमार पासवान
मोतिहारी। महिला बंध्याकरण में राज्य में तीसरे स्थान पर पूर्वी चम्पारण जिला का स्थान आया है। मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 12 से 24 फ़रवरी तक जिले में स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से जागरूकता के साथ जनसंख्या पर नियंत्रण करने को लेकर अभियान चलाया गया, जिसमें मुजफ्फरपुर, वैशाली के बाद पूर्वी चम्पारण का स्थान आया है- ये कहना है जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान का।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की जिले के सभी 27 प्रखंडो के स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 03 हजार 599 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ है, वहीं 51 स्थानों पर परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के मेहनत व अथक प्रयास से इस अभियान में सफलता प्राप्त हुई है।
डॉ श्रवण कुमार पासवान ने कहा की जिले की बढ़ती जनसंख्या पर रोकथाम हेतु लोगों को जागरूक करते हुए सरकार के निर्देश के अनुसार जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है जिसमें महिला बंध्याकरण, व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है।वहीं मौके पर डीसीएम नंदन झा ने बताया की जिले में प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा सारथी रथ से माइकिंग व सघन प्रचार-प्रसार अभियान चलाया गया।
जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत 3599 महिलाओं का बंध्याकरण, सामान्य महिलाओं को कॉपर टी लगाया गया।एमपीए अंतरा इंजेक्शन 1392, गर्भनिरोधक गोलियां 5624 माला एन 11711 एवं छाया की गोली 12558, कंडोम 73290 वितरित की गईं।श्री झा ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने दंपतियों से मिल परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधनों को अपनाने के लिए जागरूक भी किया है ।
महिला नसबंदी से भी सरल प्रक्रिया है पुरुष नसबंदी
पीएसआई संस्था के जिला प्रतिनिधि अमित कुमार ने बताया कि महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया सरल है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में आसान है और इससे पुरुषों की पौरुषता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता
सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर मिलती है आर्थिक सहायता
डीसीएम नंदन झा एवं डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया कि सरकारी अस्पताल में निःशुल्क सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाती है। जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है।