बिहारशिवहरस्वास्थ्य

शिवहर : दर्पण एप से बनेगी चिकित्सकों कि उपस्थिति 

शुक्रवार एवं शनिवार को आयोजित होगा संध्या चौपाल

शिवहर। जिला पदाधिकारी पंकज कुमार की अध्यक्षता में एईएस/जेई समन्वय समिति की बैठक समाहरणालय सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में पिरामल टीम और संस्थान के सभी चिकित्सा पदधिकारियो एवं कर्मियों ने भाग लिया।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ सुरेश राम ने बैठक को संबोधित करते हुए जिला में एईएस (चमकी) के तैयारियों पर विस्तृत जानकारिया दी एंव दर्पन एप के द्वारा डाक्टर  की उपस्थिती बनाने को निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी ने जिला मुख्यालय से लेकर प्रखण्ड मुख्यालय तक के सभी चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को पूरी जवाबदेही एवं तत्परता से मिशन मोड में कार्य करने तथा पंचायतों से संबद्ध पदाधिकारी को संबंधित पंचायत में प्रत्येक शुक्रवार, शनिवार को आयोजित संध्या चैपाल में जागरूकता कार्यक्रम को गति प्रदान करने हेतु बच्चों के प्रति मानवीय आधार पर संवेदनशील होकर निश्चित रूप से भाग लेने का निर्देश दिया।

उन्होंने सभी प्रखण्डों में एईएस वार्ड को पूरी तौर पर तैयार रखने और जरूरी दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करने को कहा तथा कर्तव्य से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सा कर्मी के विरूद्ध कार्रवाई करने को कहा।

चमकी को तीन धमकी

1 खिलाओ: बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाओ।

2 जगाओ: सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ। देखो, कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं।

3 अस्पताल ले जाओ: बेहोशी या चमक दिखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीकी उपलब्ध गाड़ी से अस्पताल ले जाओ।

चमकी बुखार:- ए ई एस

चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए बच्चों को:

-तेज धूप से दुर रखे।

-अधिक से अधिक पानी, ORS अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।

-हल्का साधारण  खाना खिलाएं, बच्चों को जंक-फूड से दुर रखे।

-खाली पेट लिची ना खिलाएं।

-रात को खाने के बाद थोड़ा मिठा ज़रूर खिलाऐ।

-घर के आसपास पानी जमा न होने दे।

-रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करे।

-पूरे बदन का कपड़ा पहनाएं।

-सड़े-गले फल का सेवन ना कराएं, ताजा फल ही खिलाएं।

-बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएं।

चमकी के लक्षण

-सिर दर्द, अचानक तेज बुखार आना जो 5-7 दिनों से ज्यादा का ना हो।

-हाथ पैर मे अकड़ आना/टाईट हो जाना।

-बेहोश हो जाना।

-बच्चो के शरीर का चमकना/शरीर का कांपना।

-बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक संतुलन ठीक नहीं होना।

-गुलकोज़ का शरीर मे कम हो जाना।  

-शुगर कम हो जाना ईत्यादि।

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