डीएम व एसपी ने बड़ी दरगाह स्थित बाबा की मजार पर किया चादरपोशी, शांति, खुशहाली एवं तरक्की के लिए मांगी दुआएं

बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय: नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर व पुलिस अधीक्षक भारत सोनी सहित जिले के कई प्रशासनिक पदाधिकारी ने शुक्रवार को बिहार शरीफ शहर के बड़ी दरगाह स्थित बाबा की मजार पर चादरपोशी की. साथ ही सभी जिलेवासियों के लिए अमन -चैन, शांति,खुशहाली, तरक्की के लिए दुआ मांगी.विश्व प्रसिद्ध सूफी बाबा हजरत शेख शर्फ उद्दीन अहमद यहिया मनेरी रह. के आसताने पर लगने वाला 664वां उर्स मेला शुक्रवार से शुरू हो गया.
शुक्रवार की शाम मगरिब की नमाज के बाद खानकाह-ए-मोअज्जम में बाबा हजरत शेख शर्फ उद्दीन अहमद यहिया मनेरी रह. के जीवन पर रोशनी डाली गई. इसमें नालंदा सहित बिहार के अलावा झारखंड व अन्य राज्यों के श्रद्वालुओं ने शिरकत की. संगोष्टी के अंत में मखदूम-ए-जहां के मृत्यू पर प्रकाश डाला गया. इस कार्यक्रम की समाप्ति के बाद इशा की नमाज अदा की गई और बाहर से आए जायरीन को खाना खिलाया गया. मखदूम-ए-जहां बाबा हजरत शेख शर्फ उद्दीन अहमद यहिया मनेरी रह. के साहबे सज्जादानशीं सैयद सैफ उद्दीन फिरदौसी (पीर साहब) को आसताने पर पहुंचाने के लिए डोली को तैयार करने का सिलसिला शुरू किया गया.
फिर करीब 12 बजे रात के बाद पीर साहब के साथ हजारों श्रद्वालुओं का काफिला मखदूम-ए-जहां के आसताने की तरफ रवाना हो गया. आगे व पीछे काफिले में शामिल लोग और बीच में पीर साहब की डोली होती है. इस दौरान श्रद्वालुओं के हाथों में रोशनी के लिए चिराग अथवा इसी प्रकार का कोई और सामान होता है. इसी कारण इस मेले को चिरागा भी कहा जाता है. पीर साहब व श्रद्वालुओं का काफिला पीर साहब के घर से निकल कर बड़ी दरगाह स्थित बाबा शेख शर्फ उद्दीन अहमद यहिया मनेरी रह. के आसताने पर पहुंचता है और फिर वहां बाबा की मजार पर कुल व फातेहाख्वानी की जाती है.
कुल-फातेहाख्वानी और चादरपोशी का यह सिलसिला सरकारी व धार्मिक तौर पर शुक्रवार से शुरू होकर अब लगातार पांच दिनों तक चलता रहेगा. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्वालू बाबा की मजार पर चादरपोशी और फातेहाख्वानी के साथ ही अल्लाह तआला से दुआएं मांगते हैं. शुक्रवार को चादरपोशी के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी वैभव नितिन काजले, सदर एसडीपीओ नुरुल हक शाहिद जिला एवं पुलिस प्रशासन के कई पदाधिकारी शामिल थे