बेतिया : फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कर्मियों का हुआ जिलास्तरीय प्रशिक्षण
- जन जागरूकता के साथ बूथ लगाकर खिलाई जाएगी सर्वजन दवा : डॉ हरेंद्र कुमार
- माइक्रो प्लान के अनुसार जिले के सभी प्रखंडो में चलेगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
बेतिया। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर सोमवार को बेतिया के एक निजी होटल में स्वास्थ्य कर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, भीबीडीसीओ के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
मौके पर सीएस ने कहा कि फाइलेरिया को नियंत्रित करने के लिए सर्वजन दवा का सेवन आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जिले में आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम प्रस्तावित है। इस दौरान यह सुनिश्चित करें कि अधिक से अधिक लोग सर्वजन दवा का सेवन करें और हाथी पाँव जैसे गंभीर रोग से बचें।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा ने कहा कि फाइलेरिया रोग संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर द्वारा प्रसारित होने वाली गंभीर रोग हैं। इस रोग के लक्षण समान्यतः 5 वर्ष या कभी-कभी इससे भी अधिक समय के पश्चात परिलक्षित होते हैं। इससे बचने के लिए मच्छर के काटने से बचना चाहिए, घरों की साफ सफाई करनी चाहिए साथ ही ज़ब सर्वजन दवा खिलाने स्वास्थ्यकर्मी आएं तो दवा जरूर खाएं।
स्वस्थ दिखने वाले लोगों में भी फाइलेरिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ज़ोनल कोऑर्डिनेटर डॉ माधुरी देवराजू ने प्रशिक्षण के दौरान कहा कि विश्व में विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण फाइलेरिया है। फाइलेरिया मुख्यतः एक परजीवी के कारण होता है। स्वस्थ दिखने वाले लोगों में भी फाइलेरिया रोग के परजीवी हो सकते है, उन्होंने बताया कि इस रोग के लक्षण पैर में सूजन, हाथों में सूजन, हाथीपांव, स्तन में सूजन और अंडकोषों की सूजन आदि हैं।
फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इससे बचाव के लिए विभाग द्वार डी ई सी एवं एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की पहचान के लिए नाईट ब्लड सर्वें के दौरान रात्रि में रक्त की जाँच की गई जिसमें जिले के प्रखंडो में 133 लोगों में फाइलेरिया के परजीवी पाए गए है। उन्होंने माइक्रोफाइलेरिया के पूरे जीवन चक्र पर भी विस्तार से चर्चा की।
जन जागरूकता के साथ खिलाई जाएगी सर्वजन दवा
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव को जिले के सभी प्रखंडो में आशा, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व अन्य विभागों के सहयोग से जन जागरूकता कार्यक्रम के साथ माइक्रो प्लान के अनुसार सर्वजन दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार 17 दिनों तक दवा खिलाई जाएगी जिसमें 3 दिन तक चयनित स्थान पर बूथ लगाकर दवा खिलाई जाएगी।
उसके बाद 14 दिनों तक घर घर आशा कार्यकर्ताओ के द्वारा दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खानी है।
उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन भी किया जा रहा है।
कार्यशाला के दौरान डीसीएम राजेश कुमार, भीडीसीओ रमेश कुमार मिश्रा, फाइलेरिया इंचार्ज राजकुमार शर्मा, पीएसआई के डीसी विपिन कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के डीएल राजू सिंह, बीसी श्यामसुंदर कुमार, सिफार डीसी सिद्धांत कुमार, प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, भीबीडीएस व अन्य लोग मौजूद थे।