spot_img

‘स्टॉप डायरिया अभियान-2024’ का जिला स्तरीय शुभारंभ

यह भी पढ़ें

जन जागरूकता से डायरिया की रोकथाम 

सीतामढ़ी। आज सीतामढी जिले मे ‘स्टॉप डायरिया अभियान-2024’ का शुभारंभ किया गया। डायरिया से होने वाली मृत्यु को शून्य तक लाने के उद्देश्य पर बल देने के लिए इस महत्वपूर्ण अभियान को 22 सितंबर तक चलाया जाएगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिले के सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने किया। भारत सरकार के निर्देशानुसार, इस वर्ष इस अभियान को एक पखवाड़े से विस्तारित करते हुए 2 माह तक चलाने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत डायरिया से बचाव, उसकी रोकथाम एवं उपचार हेतु संस्थान एवं समुदाय स्तर पर जनजागरूकता से संबंधित कई अहम गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

इस अभियान के वृहत आयामों को ध्यान में रखते हुए 2 माह तक स्वास्थ्य विभाग सहित, 6 महत्वपूर्ण सरकारी विभाग समन्वित एवं सक्रिय भूमिका निभाएँगे।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए डॉ सुरेश प्रसाद ने कहा कि यह अभियान हमारे बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि आज भी डायरिया बाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।

एक अनुमान के अनुसार राज्य में प्रति वर्ष लगभग 27 लाख बच्चे डायरिया से पीड़ित होते हैं जिनमें से कईयों की जान चली जाती है। उन्होंने बताया कि डायरिया एक आसानी से ठीक होने वाली बीमारी है लेकिन इसके लिए इसका ससमय पहचान, रेफरल एवं उपचार आवश्यक है।

डायरिया के बारे में बताते हुए डॉ मुकेश कुमार जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी ‘स्टॉप डायरिया अभियान’ ने कहा कि डायरिया एक संक्रामक बीमारी है जो सामान्यतः जीवाणु या विषाणु के कारण होता है। यह बीमारी तब फैलती है जब कोई स्वस्थ व्यक्ति गंदे हाथों से भोजन करता है या संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद रोगाणुओं से दूषित पानी या खाद्य पदार्थों का सेवन करता है। इसीलिए डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए हमें खुले में शौच से परहेज एवं शौच के बाद व खाने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना बहुत आवश्यक है। साथ ही हमें दूषित पेयजल एवं खाद्य पदार्थों के सेवन से भी परहेज करना चाहिए। 

इस अवसर पर बताया गया कि अभियान के अंतर्गत, राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में जिंक-ओआरएस कॉर्नर की स्थापना की जाएगी जहां प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध रहेंगे। साथ ही, आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाले सभी परिवारों के घर में ओआरएस के पैकेट वितरित किए जाएंगे।

समारोह को संबोधित करते हुए  यूनिसेफ के नवीन कुमार एवं कुमार अभिषेक एवं डीपीएम असित रंजन ने कहा कि डायरिया पर नियंत्रण के लिए 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान, पर्याप्त पूरक आहार और विटामिन-ए देने की आवश्यकता है।

उन्होंने रोटा वायरस के टीकाकरण को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा की यदि बच्चे को डायरिया हो जाए तो जिंक-ओआरएस का प्रयोग असरकारी होता है। डायरिया के गंभीर मामलों के अस्पताल में उपचार की भी विशेष व्यवस्था होती है जहाँ इसके लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं।

पीरामल फाउंडेशन से डीएल प्रभाकर कुमार ने डायरिया की रोकथाम के लिए सामूहिक प्रयासों एवं जनसामान्य में इसके प्रति जागरूकता फैलाने पर पर बल दिया। उन्होंने अभियान को सफल बनाने के लिए सभी 6 सरकारी विभागों के साथ-साथ पंचायत राज संस्थाओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से भी बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया।

उन्होंने विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में भी स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आह्वान किया। इस शुभारंभ समारोह में उपाधिक्षक डॉ सुधा झा एवं अस्पताल प्रबंधक विजय चंद्र झा, लेखापाल एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

विज्ञापन और पोर्टल को सहयोग करने के लिए इसका उपयोग करें

spot_img
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

विज्ञापन

spot_img

संबंधित खबरें