मोतीहारी : दस्त की होगी रोकथाम अभियान चलाकर लोगों को किया जा रहा है जागरूक
सदर अस्पताल से सिविल सर्जन ने प्रचार रथ किया रवाना
दूषित जल पीने से होता है “डायरिया”, साफ़-सफाई जरूरी
22 सितंबर तक है अभियान, होंगे जागरूकता के कार्यक्रम
मोतिहारी। दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन चल रहा है। इसी क्रम में सदर अस्पताल मोतिहारी से सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर प्रचार रथ रवाना किया। सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम जिले में 22 सितंबर तक चलाया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह ने रूट चार्ट के अनुसार सभी प्रखंडों में रथ द्वारा जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया है। इस दौरान आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 02 से 06 वर्ष तक के उम्र के बच्चों के बीच निःशुल्क ओआरएस का वितरण किया जाएगा। दस्त से ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए जिंक टेबलेट दिया जाएगा। इस दौरान माताओं को डायरिया नियंत्रण संबंधी जानकारी दी जाएगी।
शौच के बाद व खाने से पहले अपने हाथों को साबुन से धोना जरूरी
डायरिया बाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। राज्य में प्रति वर्ष लगभग 27 लाख बच्चे डायरिया से पीड़ित होते हैं जिनमें से कईयों की जान चली जाती है। एसीएमओ डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि डायरिया का ससमय पहचान एवं उपचार आवश्यक है। डायरिया सामान्यतः जीवाणु या विषाणु के कारण होता है। यह बीमारी गंदे हाथों से भोजन, दूषित पानी या खाद्य पदार्थों के सेवन से फैलता है।
डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए हमें खुले में शौच से परहेज एवं शौच के बाद व खाने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना आवश्यक है। डीसीएम नंदन झा ने कहा कि डायरिया पर नियंत्रण के लिए 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान, पर्याप्त पूरक आहार और विटामिन-ए देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यदि बच्चे को डायरिया हो जाए तो 14 दिनों तक जिंक-ओआरएस का प्रयोग असरकारी होता है। सदर अस्पताल में डायरिया के उपचार की विशेष व्यवस्था है। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह, एसीएमओ डॉ श्रवण कुमार पासवान, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, डीसीएम नंदन झा, पीएसआई और यूनिसेफ़ के जिला प्रतिनिधि व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।