– तेज बुखार हो तो स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच व तुरंत उपचार जरूरी: डॉ सोनाली गुप्ता
-आस-पास स्वच्छता बनाए रखें, रात में लगाएं मच्छरदानी
मोतिहारी। मानसून के दौरान डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को सावधानियां बरत कर मच्छरों के काटने से खुद को बचाना चाहिए। यह गर्भवती मां की भलाई के साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा सोनाली गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गर्भवती महिलाओं में डेंगू का होना गंभीर हो सकता है। इसलिए मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा के लिए इसके लक्षण मिले तो सही समय पर जाँच द्वारा इसका पता लगाना और शीघ्र उपचार करना महत्वपूर्ण है।
दरअसल डेंगू होने पर प्लेटलेट काउंट में तेजी से गिरावट होती है। जो काफ़ी घातक होता है। इसलिए तेज बुखार, शरीर में दर्द, ज्यादा कमजोरी हो तो स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच व तुरंत उपचार जरूरी होता है। डॉ गुप्ता ने बताया कि प्रायः लोग डेंगू को सामान्य बुखार समझ ध्यान नहीं देते, जो खतरनाक होता है। उन्होंने बताया कि बढ़ते भ्रूण के कारण भी प्रतिरक्षा प्रणाली में परिवर्तन होते हैं। जिससे गर्भवती महिलाएं डेंगू जैसे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं।
डॉक्टर से परामर्श जरूरी
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान डेंगू होने पर अपने चिकित्सक से बात करनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए डेंगू न केवल उनके लिए बल्कि उनके अजन्मे बच्चे के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। इसलिए व्यक्ति को बुखार और दाने, आंखों में दर्द, मांसपेशियों, जोड़ों या हड्डियों में दर्द, उल्टी, मतली आदि जैसे लक्षणों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए। संतुलित व सुपाच्य आहार का सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए। घर के अंदर रहना चाहिए।
दरअसल मच्छर सुबह और शाम के दौरान सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। आस-पास स्वच्छता बनाए रखें। रात में मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए।खिड़कियों और दरवाजों वाले इनडोर स्थानों का चयन करना चाहिए। मानसून के मौसम के दौरान डेंगू का खतरा बढ़ जाता, ऐसे में सावधानियां अपना कर मच्छरों के काटने से खुद को बचाना चाहिए। यह गर्भवती मां की भलाई के साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
इन उपायों द्वारा डेंगू से सुरक्षित रह सकते हैं
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें।