सीतामढ़ी। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिन्हा के नेतृत्व में अस्पताल परिसर में तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान गुटखा, तंबाकू बेचने व खाने वालों के खिलाफ कार्यवाई की गयी। इस दौरान कुल 13 लोगों को अस्पताल परिसर में तम्बाकू सेवन करके यत्र-तत्र थूकने के कारण दण्डित किया गया और जुर्माना वसूला गया है। डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने के लिए जिला के सभी विभागों के साथ आम लोगों को अपने-अपने स्तर से प्रयास करने की जरूरत है।
तंबाकू सेवन से मुंह के कैंसर की संभावना
एनसीडीओ डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन कैंसर का कारक बन रहा है। इसमें भी पान मसाले के साथ तंबाकू मिलाकर सेवन करना, खैनी खाने से मुंह के कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। यह युवाओं में भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित गैट्स 2 के सर्वे में बिहार में तम्बाकू सेवन करने वालों में कमी आने की बात सामने आई है। यह आंकड़ा पिछले 7-8 साल में 53.5% से घट कर 25.9% हो गया है। जिसमें चबाने वाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 23.5% है।
यत्र तत्र थूकने से संक्रमण का खतरा अधिक
एनसीडीओ डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बहुत हीं हानिकारक है। थूकना संक्रमण रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि के संक्रमण के फैलने की संभावना रहती है। भा.द.वि. (आईपीसी) की धारा 268 एवं 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के अवसर पर उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरुद्ध कार्य करेगा, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है तो उसे छह माह की कारावास एवं अथवा 200 रुपये जुर्माना किया जा सकता है।
तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम जारी
डॉ. सिन्हा ने बताया कि सीतामढ़ी जिला को राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार सरकार के द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) के अनुपालन का एक स्वतंत्र त एजेंसी से सर्वेक्षण करवाया जाता रहा है। उक्त अनुपालन सर्वेक्षण में धूम्रपान मुक्त के तय मानकों के आधार पर सीतामढ़ी जिला को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है। जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि अब हम लोगों को अपने जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में भारतीय संसद द्वारा पारित कोटपा अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के कारण देश में तंबाकू नियंत्रण पर काफी हद तक सफलता प्राप्त किया गया है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सरकार के सभी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संस्थानों एवं मीडिया जगत का इस अभियान को चलाने में काफी सहयोग मिला है।