
डुमरांव. मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के सभी विद्यालयों में सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम चलाते हुए बच्चों को बाल अधिकार, बाल विवाह, बाल शोषण एवं बच्चों से छेड़छाड़ से बचने की जानकारी दी.
विद्यालय चेतना सत्र के दौरान प्राथमिक विद्यालय चुआड़ में फोकल शिक्षक मो. सनौवर अंसारी सहित प्रधानाध्यापक प्रभारी प्रधानाध्यापक अशोक कुमार गुप्ता, सहायक शिक्षक मुख़्तार अंसारी आदि ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल अधिकार वह जो नाबालिगों की देखभाल और विशिष्ट सुरक्षा के रूप में बच्चों को मिलने वाले व्यक्तिगत मानवाधिकार है.
जबकि बच्चों से कोई भेदभाव नहीं, उनके लिए स्वास्थ्य सेवायें, अच्छा जीवन स्तर, विकलांग बच्चों के लिए उचित व्यवस्था, नशीले पदार्थों से बचाव, बच्चों के लिए शिक्षा व्यवस्था, अनाथ बच्चों की रक्षा, बाल श्रमिकों की सुरक्षा, यौन शोषण से बचाव, तस्करी, बाल श्रम और हानिकारक प्रथाओं जैसे बाल विवाह, दुर्व्यवहार, मारपीट एवं सामाजिक, आर्थिक व मानसिक शोषण रोकने एवं प्रथाओं का विरोध करना बाल संरक्षण कहलाता है.
इसके अलावे बच्चों को गुड टच और बेड टच को पहचानने, किसी प्रकार का शोषण या उत्पीड़न सहन ना करने, अपरिचित लोगों से बात नहीं करने, अश्लील कृत्यों व पुस्तकें न देखने और पढ़ने आदि महत्वपूर्ण जानकारी दी. शिक्षकों ने कहा कि समाज में अशिक्षा होने से सामाजिक कुरीतियों का जन्म होता है.
प्रधानाध्यापक ने कहा कि अगर समाज पूर्ण शिक्षित हो तो कुरीतियों से होने वाले नुकसान को व्यक्ति आसानी से समझ सकता है. बाल विवाह समाज में एक कोढ़ की तरह है. छोटी उम्र जब हमें पढ़ने का समय होता है. उसी समय हम बच्चों की शादी कर देते हैं. इससे न सिर्फ उसकी पढ़ाई ठप होती है, बल्कि वह कई बीमारी की चपेट में आ सकता है.
जिंदगी तबाह हो जाती है. इससे पूरा परिवार परेशान होता है. शिक्षकों ने बताया कि इसी तरह समाज में होने वाले बाल शोषण से भी काफी बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है. छात्रों को शिक्षकों ने स्वावलंबी बनने की बात कही.
