वैशाली। मलेरिया रोग के बारे में जागरूकता लाने और इससे बचाव के उपायों पर काम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व मलेरिया दिवस के इस वर्ष की थीम टाइम टू डिलीवरी जीरो मलेरिया: इन्वेस्ट, इनोवेट, इंप्लीमेंट पर सदर अस्पताल परिसर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो चुकी है, उन्हें मलेरिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
इस बीमारी में अपने आस पास सफाई का ध्यान ज्यादा रखना होता है। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में एएनएम छात्राओं के साथ मरीज और उनके परिजनों के बीच मलेरिया के प्रति लोगो को जागरूक किया गया। विश्व मलेरिया दिवस की पूर्व संध्या पर सहदेई बुजुर्ग में जागरूकता अभियान चलाया गया।
हर पीएचसी में मौजूद है आरडीटी किट
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुनील केसरी ने बताया कि प्रत्येक प्रखंड में मलेरिया के जांच दो तरह से किए जा रहे हैं। एक ब्लड के माध्यम से वहीं दूसरा आरडीटी किट के माध्यम से। वहीं इसके उपचार के लिए सभी जगह पारासीटामोल भी मौजूद है। जागरूकता के स्तर पर सभी आशा तथा एएनएम को दिसंबर माह में प्रत्येक वर्ष प्रशिक्षित किया जाता है।
मलेरिया के लक्षण
डॉ सुनील केशरी ने कहा कि मलेरिया के लक्षणों में ठंड लगना, कपकपी, सिर दर्द, उल्टी एवं चक्कर आना, तेज बुखार एवं अत्यधिक पसीने के साथ बुखार का कम होने से प्रतिदिन या एक दिन बीच कर होना है। अगर इसमें से एक लक्षण भी दिखे तो मलेरिया की जांच के लिए नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही मरीज को ले जाएं।
इन बातों का रखें ख्याल
घर एवं घर के आस पास बने गड्ढों, नालियों बेकार पड़े खाली डिब्बे,पानी की टंकियों गमलों, टायर ट्यूब में पानी एकत्रित न होने दें। मलेरिया से बचाव हेतु डीडीटी या एसपी पाउडर का छिड़काव कर्मियों का सहयोग प्रदान करें। मौके पर सिविल सर्जन डॉ श्याम नंदन प्रसाद, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुनील केसरी, कुमार धीरेन्द्र, राजीव कुमार सहित एएनएम की छात्राएं मौजूद थी।