सीतामढ़ीस्वास्थ्य

एड्स के मरीज भी जी सकते हैं साधारण जीवन: डॉ शगुफ्ता सोमी

-विश्व एड्स दिवस पर निकली जागरुकता रैली

-जिले के एआरटी सेंटर में होता है मुफ्त उपचार 

सीतामढ़ी। एड्स ऐसी बीमारी है जिसके जांच और उपचार में अभी भी समाज अगले पायदान पर नहीं है। ऐसे में विश्व एड्स दिवस के इस वर्ष का थीम “लेट कम्युनिटी लीड”  एड्स की रोकथाम में समाज की अहम भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए चुना गया है। वहीं यह थीम एड्स के बचाव में समाज के महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी चुना गया है। ये बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ शगुफ्ता सोमी ने शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाते हुए कही। जागरूकता रैली सदर अस्पताल के आस पास के मुख्य मार्गों से निकलते हुए वापस सदर में आकर समाप्त हुई। रैली में नर्सिंग की छात्राओं ने अपने हाथों में बैनर व तख्तियों के माध्यम से एड्स से बचाव संबंधी खबरों के जरिये आमजन में जागरूकता का संदेश दिया।

छूने व साथ खाने से नहीं फैलता एड्स: 

डॉ शगुफ्ता सोमी ने कहा कि विश्व एड्स दिवस स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुभाष प्रसाद सिंह ने कहा कि एड्स असुरक्षित रक्त लेने से,असुरक्षित यौन संबंध बनाने से, संक्रमित मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे में फैलता है। वहीं उन्होंने कहा कि छूने से, एक साथ बैठने आदि से नहीं फैलता है इसलिए एड्स पीड़ित के प्रति भेदभाव न करें। डॉ सोमी ने बताया कि 

अभी जिले के एआरटी में करीब 6813 मरीज निबंधित हैं। यहां इनका मुफ्त उपचार होता है। ऐसा नहीं है कि एड्स होने का मतलब जीवन का अंत है। ऐसे में सकारात्मक सोच रखते हुए बीमारी का पता लगने पर जल्द से जल्द अपना इलाज शुरु कर देना चाहिए। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हुए हम एड्स के साथ भी अच्छा जीवन जी सकते हैं। इस दिवस के मौके पर डॉ हसीन अख्तर, राजेश कुमार डीआईएस, डीईओ सह लेखापाल रंजन शरण, डीपीएस रंजय कुमार, डाटा मैनेजर मनोज कुमार, काउंसलर शंभू शरण सिंह, विनोद प्रसाद, ज्योति रानी सहित सभी यक्ष्मा कर्मचारियों एवं सहयोगी एनजीओ विहान एवं अहाना के कर्मियों द्वारा भाग लिया गया।

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