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राजकीय मध्य विद्यालय तेतरिया में चक्रवाती तूफान/आंधी से सुरक्षा हेतु बाल मंच पर जागरूकता कार्यक्रम

राजकीय मध्य विद्यालय तेतरिया में छात्र-छात्राओं ने सीखी जीवनरक्षक बातें

तेतरिया (पूर्वी चंपारण)। मध्य विद्यालय तेतरिया परिसर में मई माह के तृतीय शनिवार को एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था – चक्रवाती तूफान/आंधी से खतरे एवं बचाव, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों एवं स्थानीय समुदाय को प्राकृतिक आपदा के प्रति सतर्क एवं सजग बनाना था। यह कार्यक्रम बाल मंच के तहत आयोजित किया गया, जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के फोकल शिक्षक महेश कुमार ने किया, जबकि राज्य प्रशिक्षक अब्दुल कलाम ने उपस्थित छात्रों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान किया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार की देखरेख में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। बाल प्रेरक मंडली ने इस कार्यक्रम को रचनात्मक स्वरूप देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्य गतिविधियों में चर्चा, प्रस्तुति, चित्र प्रदर्शन, अनुभव साझा करना एवं जागरूकता पथ (रैली) शामिल रही। बच्चों ने पोस्टर और चार्ट के माध्यम से चक्रवात के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षात्मक उपायों को दर्शाया। चित्रों के माध्यम से बताया गया कि आंधी-तूफान के समय घर के भीतर रहना, खिड़की-दरवाजे बंद करना, आवश्यक वस्तुएं जैसे टॉर्च, बैटरी, मोबाइल, खाद्य सामग्री और दस्तावेज सुरक्षित रखना अत्यंत जरूरी है।

वहीं, क्या न करें की श्रेणी में बच्चों ने नाट्य रूपांतरण द्वारा दिखाया कि पुरानी इमारतों, पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहना क्यों आवश्यक है। कार्यक्रम में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाना खतरनाक हो सकता है और इससे बचा जाना चाहिए।

राज्य प्रशिक्षक अब्दुल कलाम ने बताया कि “प्राकृतिक आपदाएं अनियंत्रित होती हैं, परंतु यदि हम पूर्व तैयारी रखें और उचित जानकारी से लैस हों, तो जान-माल की क्षति को काफी हद तक रोका जा सकता है।” प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार ने भी बच्चों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चों में न सिर्फ जागरूकता आती है बल्कि वे अपने परिवार और समुदाय को भी सुरक्षित रहने का संदेश दे सकते हैं।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि “आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है। प्राकृतिक आपदा से डरें नहीं, समझदारी से निपटें।”

इस जागरूकता कार्यक्रम ने विद्यालय में एक नई सोच और सतर्कता की भावना का संचार किया, जो भविष्य में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित होगा।

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