नालंदा (बिहारशरीफ)बिहार

नालंदा से छत्रपति शिवाजी महाराज सामाजिक समरसता अभियान की शुरुआत

अभियान के संयोजक इंजीनियर प्रणव प्रकाश ने प्रेस वार्ता आयोजित कर दी जानकारी

बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। 20 अप्रैल 2025 रविवार को नालंदा जिले के बिहारशरीफ स्थित श्रम कल्याण केंद्र मैदान से छत्रपति शिवाजी महाराज सामाजिक समरसता अभियान की भव्य शुरुआत की जाएगी। इस संबंध में शुक्रवार को बिहारशरीफ के आईएमएहाल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में अभियान के संयोजक इंजीनियर प्रणव प्रकाश ने विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

प्रणव प्रकाश ने बताया कि इस अभियान का मूल उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन, उनके विचारों और कार्यों से प्रेरणा लेते हुए समाज में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। यह एक गैर- राजनीतिक पहल है। जिसका उद्देश्य विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच सद्भाव और सहयोग की भावना को मजबूत करना है।

उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को आज समाज का हर वर्ग भगवान स्वरूप मानता है। यह सम्मान उन्हें उनके असाधारण कार्यों, धर्म, संस्कृति और लोक कल्याण की रक्षा के लिए किए गए समर्पण के कारण प्राप्त हुआ है। उन्होंने समाज में मानवीय मूल्यों की स्थापना की और भारतीय अस्मिता को बचाए रखने के लिए संघर्ष किया।

प्रेस वार्ता के दौरान प्रणव प्रकाश ने कहा कि जब भारत पर विदेशी आक्रांताओं द्वारा हमारी संस्कृति और पहचान को मिटाने के प्रयास किए गए, तब शिवाजी महाराज ने अपार साहस का परिचय देते हुए न सिर्फ इन हमलों का डटकर मुकाबला किया, बल्कि भारतवर्ष की अखंडता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा भी की।

उनके परिवार को कई बार अमानवीय अत्याचारों का सामना करना पड़ा लेकिन उनका शौर्य और पराक्रम अडिग रहा। उन्होंने यह भी बताया कि शिवाजी महाराज के शासनकाल में सामाजिक न्याय की ठोस नीतियां लागू थीं। उन्होंने दलितों, पिछड़े वर्गों, महिलाओं और अन्य वंचित समूहों को सम्मान एवं अधिकार दिलाने का कार्य किया।

अभियान की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हम बिहारवासी एक विशेष अभियान की शुरुआत कर रहे हैं इस अभियान में देश के विभिन्न प्रांतो के लोग हिस्सा ले रहे हैं। अभियान का उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेकर समाज में सामाजिक समरसता एवं एकता को बढ़ावा देना है।

हम चाहते हैं कि आप सभी बढ़-चढ़कर इस अभियान में भाग लें। ताकि हम सभी मिलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों को सम्मानित करते हुए एकजुट हो सकें। हम सब मिलकर भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करें और समाज में शांति भाईचारा और समरसता का वातावरण बनाएं।

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