राज्य स्तरीय निपुण TLM मेला 2.0 में बक्सर के शिक्षकों की शानदार उपलब्धि

पटना। बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा SCERT, पटना में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय निपुण TLM (Teaching Learning Material) मेला 2.0 का भव्य आयोजन 8 एवं 9 अप्रैल को हुआ। इस आयोजन में राज्य भर के सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया और अपनी नवाचारी सोच एवं रचनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। मेले में शिक्षकों द्वारा बनाए गए TLM स्टॉलों का अवलोकन स्वयं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने किया। उन्होंने शिक्षकों की क्रिएटिविटी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मेला शिक्षण प्रक्रिया में नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए TLM न केवल शिक्षण को सरल और प्रभावशाली बनाएंगे, बल्कि विद्यार्थियों की अवधारणात्मक समझ को भी मजबूती देंगे। बच्चे इन सामग्रियों के माध्यम से खेल-खेल में विषय वस्तु को समझ सकेंगे, जिससे उनका शैक्षणिक अनुभव अधिक आनंददायक और प्रभावी होगा। प्रत्येक TLM को संबंधित कक्षा के पाठ्यक्रम के अधिगम प्रतिफलों के आधार पर तैयार किया गया था, जो इसकी प्रासंगिकता और गुणवत्ता को दर्शाता है।
मेले के दूसरे दिन निर्णायक मंडल में शामिल विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने सभी स्टॉलों का गहन मूल्यांकन किया। मूल्यांकन जिलावार और विषयवार किया गया तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। हिंदी, अंग्रेजी, गणित, उर्दू एवं पर्यावरण अध्ययन जैसे विषयों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार के साथ-साथ सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए। हिंदी में 6, अंग्रेजी में 6, गणित में 8, उर्दू में 3 तथा पर्यावरण अध्ययन में 7 सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अलावा सभी प्रतिभागी शिक्षकों को सहभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
इस गौरवपूर्ण अवसर पर बक्सर जिले के शिक्षकों ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। पर्यावरण अध्ययन विषय में बक्सर जिले की शिवानी यादव, मध्य विद्यालय मंगोलपुर, इटाढ़ी ने प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले को गौरवान्वित किया। वहीं हिंदी विषय में दुर्ग मांगे उपाध्याय प्राथमिक विद्यालय विट्ठलपुर, प्रखंड बक्सर ने तृतीय स्थान प्राप्त कर जिले की रचनात्मक शिक्षण परंपरा को एक नई ऊंचाई दी।
TLM मेला 2.0 न केवल एक प्रदर्शनी था, बल्कि यह शिक्षकों के नवाचारों को पहचानने और साझा करने का एक सशक्त मंच भी बना। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे शिक्षक यदि सही दिशा और मंच प्राप्त करें, तो वे शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।