
गोपालगंज। जिले के मध्य विद्यालय कुचायकोट कन्या में ‘सुरक्षित शनिवार’ कार्यक्रम के अंतर्गत आग से बचाव पर एक विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य छात्राओं को आग लगने के संभावित कारणों और उससे बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करना था। सत्र का नेतृत्व विद्यालय की शिक्षिका कृति रंजन ने किया, जिसमें उन्होंने आग से जुड़ी घटनाओं, उनके कारणों और त्वरित बचाव के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी।
शिक्षिका कृति रंजन ने छात्राओं को बताया कि आग लगने के मुख्य कारणों में रसोई में गैस लीक, खेतों में बीड़ी-सिगरेट पीकर फेंकना, पटाखों का लापरवाह उपयोग, मोमबत्ती या दीपक को बिना देखरेख के जलते छोड़ना, और बिजली के शॉर्ट सर्किट शामिल हैं। उन्होंने रसोई गैस की नियमित जांच, बिजली के उपकरणों का सुरक्षित उपयोग, तथा ज्वलनशील पदार्थों को बच्चों की पहुंच से दूर रखने जैसे उपायों को जरूरी बताया।
उन्होंने आग लगने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए छात्राओं को बताया कि सबसे पहले अग्निशमन विभाग को 101 नंबर पर फोन कर सूचना दें। इसके अलावा, रसोई या घर में बालू या पानी की बाल्टी हमेशा तैयार रखें ताकि आग लगने की स्थिति में शुरुआती स्तर पर ही उसे बुझाया जा सके। विशेष रूप से उन्होंने बताया कि अगर आग बिजली से लगी हो तो पानी का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे जान का खतरा बढ़ सकता है।
ऐसी स्थिति में बालू या मिट्टी का प्रयोग करना अधिक सुरक्षित होता है।सत्र में बीड़ी-सिगरेट के अवशेषों का सही निपटान और पटाखों के सुरक्षित उपयोग पर भी बल दिया गया। पटाखे जलाते समय खुले स्थान का चयन और पास में पानी की व्यवस्था रखने की सलाह दी गई।कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाध्यापक बाल्मीकि प्रसाद, शिक्षिकाएं प्रीति देवी, स्मिता सिंह, नेहा कुमारी, गीता कुमारी, इंदु कुमारी, संगीता माली, सुबास राम सहित अन्य शिक्षकगण और सभी छात्राएं उपस्थित रहीं।
छात्राओं ने सत्र के दौरान आग से संबंधित खतरों और बचाव के उपायों को गंभीरता से सुना और कई सवाल भी पूछे, जिनका शिक्षिका ने सरलता से उत्तर दिया। यह कार्यक्रम ‘सुरक्षित शनिवार’ के तहत विद्यालय में चल रहे आपदा प्रबंधन और सुरक्षा जागरूकता अभियान का हिस्सा था। इस तरह की पहल से छात्राएं न केवल जागरूक बनती हैं बल्कि घर और समाज में भी सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा कर सकती हैं। विद्यालय प्रबंधन ने इस प्रयास को सराहा और भविष्य में भी ऐसे जागरूकता सत्र आयोजित करने की बात कही।