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बेहतर प्रयास और निरंतर मेहनत से दीपिका आनंद को ‘टीचर ऑफ द मंथ’ का सम्मान

पूर्णिया। जिले के जलालगढ़ प्रखंड स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय हांसी बेगमपुर की शिक्षिका दीपिका आनंद को उनके उत्कृष्ट शिक्षण कार्य के लिए ‘टीचर ऑफ द मंथ’ के खिताब से सम्मानित किया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से हर माह राज्य स्तर पर चयनित शिक्षकों को यह सम्मान दिया जाता है, और इस बार यह गौरवपूर्ण सम्मान दीपिका आनंद को प्राप्त हुआ।

विद्यालय प्रशासन और स्थानीय समुदाय के अनुसार, दीपिका आनंद शिक्षा के प्रति अपने समर्पण और आधुनिक शिक्षण तकनीकों के उपयोग के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने न केवल विद्यार्थियों के अकादमिक प्रदर्शन में सुधार किया है, बल्कि उन्हें समग्र रूप से विकसित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

तकनीकी नवाचार और शिक्षण शैली बनी पहचान

दीपिका आनंद ने शिक्षण को रोचक बनाने के लिए डिजिटल टूल्स और प्रायोगिक विधियों का उपयोग किया, जिससे छात्रों की समझ और परिणामों में उल्लेखनीय सुधार आया है। उन्होंने स्मार्ट क्लासरूम, ग्रुप डिस्कशन और ऐक्टिविटी बेस्ड लर्निंग जैसी तकनीकों को अपनाकर विद्यार्थियों को पढ़ाई में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया है।

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मीना कुमारी ने बताया कि दीपिका आनंद के प्रयासों से विद्यालय में शिक्षा का स्तर काफी ऊंचा हुआ है। “उनकी शिक्षण पद्धति से छात्रों को विषयों को गहराई से समझने में मदद मिलती है। वह बच्चों को आत्मनिर्भर और रचनात्मक बनाने पर विशेष जोर देती हैं,” उन्होंने कहा।

विद्यार्थियों और अभिभावकों में हर्ष

दीपिका आनंद को मिले इस सम्मान से विद्यालय के विद्यार्थी और अभिभावक भी उत्साहित हैं। कक्षा 10 के छात्र अभिषेक कुमार ने कहा, “दीपिका मैम की पढ़ाने की शैली बहुत अलग है। वह हर विषय को उदाहरणों और कहानियों के जरिए समझाती हैं, जिससे हमें जल्दी समझ में आता है।”वहीं, छात्रा रिया कुमारी ने कहा कि दीपिका मैम हमेशा छात्रों को आगे बढ़ने और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार रहने की प्रेरणा देती हैं।

सम्मान समारोह में हुई सराहना

शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक समारोह में दीपिका आनंद को ‘टीचर ऑफ द मंथ’ का प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, स्थानीय प्रशासन और अन्य शिक्षकों ने उनकी सराहना की।सम्मान प्राप्त करने के बाद दीपिका आनंद ने कहा, “यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है। मैं हमेशा अपने विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा देने का प्रयास करती रहूंगी।”उनकी इस उपलब्धि से विद्यालय और पूर्णिया जिले का नाम रोशन हुआ है।

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