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खुशखबरी : जिले में आई 9 ट्रू-नेट मशीन, टीबी की जांच होगी आसान 

जिले में ट्रू-नेट मशीनों की संख्या पहुँची 16, पहले से 7 मशीन हैं कार्यरत 

मात्र 40 मिनट में नार्मल टीबी और एक घंटे में एमडीआर की मिलती है रिपोर्ट 

मोतिहारी। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में 9 ट्रू-नेट मशीन लगाई गई है। यह अगले सप्ताह से काम करने लगेगी। जिले में पूर्व से 7 ट्रू नेट मशीन कार्यरत है। संचारी रोग पदाधिकारी डॉ संजीव ने बताया कि ट्रू-नेट मशीन के लगने से जिले में अब टीबी मरीजों की जांच में क्रांति आएगी।

पहले जिला यक्ष्मा केंद्र मोतिहारी एवं अनुमण्डलीय अस्पताल रक्सौल में “सीबी नेट” मशीन ही था, जिसमें एक साथ नॉर्मल टीबी एवं एमडीआर की जांच होती थी। इस जाँच में 2 घंटा से अधिक का समय लगता था। अब नये मशीन के आने से समय की भी काफ़ी बचत होगी।

ट्रू नेट मशीन से मात्र 40 मिनट में नार्मल टीबी और एक घंटे में एमडीआर की रिपोर्ट मिल जाती है। पहले ट्रू नेट मशीन से कोरोना का जांच होता था। सीडीओ डॉ संजीव ने बताया कि पूर्वी चम्पारण जिले में सरकारी संस्थान में 1 हजार 494 इलाजरत एवं 4 हजार 5 सौ 8 (कुल 6 हजार 2) टीबी के मरीज हैं। 

इन संस्थानों में लग चुकी है मशीन

टीबी मरीजों की पहचान करने हेतु जिले के आदापुर, रामगढ़वा, सुगौली, पहाड़पुर, केसरिया, बंजरिया, छौड़ादानो, पताहीं, मेहसी में ट्रू नेट मशीन लगाये गये हैं। 

टीबी मुक्त पंचायत की ओर अग्रसर होगा जिला

सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह एवं एसीएमओ डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया कि इन अत्याधुनिक मशीनों के उपयोग से टीबी की जांच में तेजी आएगी और जिले में टीबी मुक्त अभियान को गति मिलेगी।

स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा घर घर जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित किया जाएगा। उनके बलगम का सैंपल लेकर स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराया जाएगा। इस प्रकार टीबी मरीजों का पता लगाने के साथ दवाओं का पूरा कोर्स चलाकर टीबी ठीक कर जिले को टीबी मुक्त बनाया जाएगा।

डॉ पासवान ने बताया कि एकबार टीबी की दवा ज़ब शुरू हो तो भूलकर भी दवा का सेवन बीच में न छोड़े, अन्यथा इसका बिगड़ा हुआ रूप एमडीआर का खतरा हो जाता है।

जिला यक्ष्मा केंद्र के लैब टेक्निशियन मनु सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 50-60 टीबी मरीजों की जांच स्वास्थ्य केंद्र पर की जाती है। अरविन्द कुमार टीबी एचबी ने बताया कि दवाओं की उपलब्धता के अनुसार, टीबी मरीजों को निःशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

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