प्रखंड मुख्यालय में बनें बुनियाद केंद्र में आवागमन केे लिए संकीर्ण गली, दिव्यांगों को होती है परेशानी
ट्राई साइकिल या मोटराईज रिक्शा पीएचसी गेट व अग्निशामक कार्यालय के बाहर खडा करने को विवश
डुमरांव. अनुमंडल का बुनियाद केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे है. इसमें पहुंचने के लिए पीएचसी से होकर संकीर्ण गलीनुमा पथ है. जिससे दोनों पैर दिव्यांग व्यक्ति को अग्निशामक कार्यालय के बाहर या पीएचसी गेट के बाहर अपना ई रिक्शा या मोटराईज रिक्शा खड़ा करने के बाद जैसे तैसे पहुंचते है. अक्सर पीएचसी का मुख्य गेट हमेशा बंद ही रहता है. जिससे पीएचसी के अंदर संकीर्ण गली तक नहीं पहुंच पाते है. जिससे दिव्यांगों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है.
अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडो से दिव्यांग इलाज के लिए पहुंचते है. बुनियाद केन्द्र में जाने का जर्जर गलीनुमा रास्ता होने से आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. आलम यह है कि पीएचसी या अग्निशामक कार्यालय के बाहर वाहन खड़ा कर परिजन दिव्यांगों को गोद में उठाकर केंद्र तक पहुंचाते है. वहीं, गली के मुख्य द्वार पर पीएचसी का गैरेज बना है, जो आवागमन में अवरोध पैदा कर रहा है.
बुनियाद केंद्र मैनेजर कश्मीरी चौधरी कहते है कि बीडीओ को इसकी जानकारी देने के साथ उच्च अधिकारी को इसके बारें में बताया गया है. बता दें कि आवागमन में पीएचसी का गैरेज गली को संकीर्ण बना देता है, जिससे दिव्यांगों को आवागमन में परेशानी होती है. सबसे बड़ी बात है कि बुनियाद केंद्र का भले चकाचक भवन व लंबा चौड़ा भवन हो. लेकिन पीएचसी के पीछे होने व आवागमन के लिए संकीर्ण रास्ता होने से नये लोगों को बुनियाद केंद्र किधर है, इसके बारें में पुछना पड़ता है.
दिव्यांगों के इलाज के लिए दो बुनियाद केन्द्र जिले में हैं. एक केन्द्र बक्सर व दूसरा पीएचसी के पीछे डुमरांव में है. स्थानीय बुनियाद केन्द्र में सातों प्रखंड के दिव्यांग इलाज कराने पहुंचते हैं. बीडीओ संदीप कुमार पांडेय ने निरीक्षण किया. इसके बाद उन्होने बताया कि बुनियाद केन्द्र में जाने के लिए दिव्यांगों को गोद में उठा पहुंचाया जाता है, केन्द्र पर आवागमन को लेकर सड़क निर्माण कराने को लेकर उच्च अधिकारी से पत्राचार किया जाएगा. रास्ता संकीर्ण की जानकारी भी दी जाएग