चयनित पंचायतों में एसीएफ के दौरान न छूटे टीबी के लक्षण वाले एक भी मरीज : सिविल सर्जन
22 पंचायतों में एक जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर के बीच 217 नए मरीजों की पुष्टि
फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा डोर टू डोर सर्वे का किया जा रहा नियमित अनुश्रवण
बक्सर, 27 नवंबर | प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत टीबी मुक्त पंचायत पहल कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत जिले के प्रत्येक प्रखंड के दो-दो पंचायतों का चयन किया गया है। इन पंचायतों को 31 दिसंबर तक टीबी मुक्त बनाना है।
जिसको लेकर सभी चयनित पंचायतों में एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत सभी चयनित पंचायतों में फ्रंटलाइन वर्कर्स के माध्यम से घर घर जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों की खोज करने के साथ साथ उनकी जांच के लिए सैंपल भी लिए जा रहे हैं।
ताकि, इन टीबी के लक्षण वाले मरीजों में से टीबी से ग्रसित मरीजों की खोज की जा सके। इस क्रम में प्रतिदिन एसीएफ का अनुश्रवण भी किया जा रहा है। ताकि, अभियान में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके। साथ ही, अभियान की प्रगति पर सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा नजर बनाए हुए हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि एसीएफ के दौरान लक्षणों की पहचान सबसे ज्यादा जरूरी है।
इसके लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स को निर्देशित किया गया है कि वो गंभीर बीमारियों के मरीजों मसलन डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कुपोषण आदि मरीजों में भी टीबी की जांच करेंगी। क्योंकि, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में टीबी होने की संभावना प्रबल होती है। जिसको देखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि टीबी मुक्त पंचायत पहल के अंतर्गत चयनित पंचायतों में एसीएफ के दौरान टीबी के लक्षण वाले एक भी मरीज न छूटे।
250740 लोगों में करनी है टीबी के लक्षण वाले मरीजों की खोज
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि एसीएफ के तहत 22 चयनित पंचायतों में माइक्रोप्लान के तहत सर्वे किया जा रहा है। इन पंचायतों में 250740 लोगों में टीबी के लक्षण वाले मरीजों की खोज करनी है। साथ ही, टीबी के नए मरीजों का कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी किया जाएगा। वहीं, टीबी मरीजों के परिजनों को भी टीबी रोधी दवाओं का सेवन कराया जायेगा।
ताकि, टीबी के संभावित संक्रमण प्रसार पर काबू पा जा सके। उन्होंने बताया कि इन पंचायतों में एक जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर के बीच 217 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसको देखते हुए इन पंचायतों में 7868 लोगों के सैंपल जांच का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से 37 प्रतिशत हो लक्ष्य प्राप्ति की जा सकी है। 31 दिसंबर तक हरहाल में लक्ष्य को शत प्रतिशत पूर्ण किया जायेगा।
लोगों में लक्षणों की जानकारी का अभाव
सदर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत कृतपुरा पंचायत में भी डोर टू डोर सर्वे का काम चल रहा है। जहां एसीएफ के दौरान 49 लोगों का सैंपल लिया गया है। इस क्रम में जिला यक्ष्मा केंद्र के डीपीसी कुमार गौरव ने स्वास्थ्य उपकेंद्र अंतर्गत सभी आशा कर्मियों के साथ रिव्यू बैठक की। जिसमें सीएचओ श्वेता सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर टीबी के लक्षण वाले मरीजों की खोज की जा रही है।
इस दौरान यह पाया गया कि ग्रामीण स्तर पर अभी भी लोगों में टीबी का लक्षणों की जानकारी का अभाव है। जिसे देखते हुए आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को टीबी के लक्षणों की पहचान, जांच, इलाज और बचाव की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर भी लोगों को जागरूक किया जायेगा।